आमंत्रित वक्ता

डॉ. मेहर वान

प्रमुख, रिसर्च जर्नलस डिवीजन / वैज्ञानिक,  सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च, नई दिल्ली

श्री कुमार पाल शर्मा

उप निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली

श्रीमती मीतू माथुर बधवार

लेखिका / वरिष्ठ हिंदी अनुवादक, स्टील अथौरिटी ऑफ इंडिया लिमेटेड

प्रो. राजेश कुमार

प्रोफेसर, भौतिकी, भा.प्रौ.सं. इंदौर

डॉ. आनंद मिश्रा

सह आचार्य, कंप्यटर साइंस एवं अभियांत्रिकी, भा.प्रौ.सं. जोधपुर

डॉ. मेहर वान 

डॉ. मेहर वान सीएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड पॉलिसी रिसर्च, नई दिल्ली में वैज्ञानिक हैं। उन्होंने अपनी पीएच.डी. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भौतिकी में प्राप्त की और वह  आईआईटी-खड़गपुर में इंस्टीट्यूट-पोस्ट डॉक्टरल फेलो रहे। वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-खड़गपुर के उन्नत प्रौद्योगिकी विकास केंद्र में माइक्रो/नैनो-रोबोटिक्स और फैब्रिकेशन सुविधा स्थापित करने में सक्रिय रूप से शामिल रहे। वह प्रयोगशाला का डिज़ाइन बनाने, स्थापना-पूर्व तैयारियों से लेकर अत्याधुनिक उपकरणों की स्थापना सक्रिय भूमिका निभाई। वह इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी, माइक्रो-नैनो-फैब्रिकेशन तकनीकों जैसे फोकस्ड आयन बीम लिथोग्राफी, इलेक्ट्रॉन बीम लिथोग्राफी और माइक्रो-रोबोटिक मेनीपुलेशन सहित टू-फोटॉन पोलीमराइजेशन-आधारित 3 डी लिथोग्राफी आदि में विशेषज्ञ हैं। उनकी रुचि सामान्यतः पदार्थ-विज्ञान, अल्ट्रासोनिक्स और मेट्रोलॉजी तक विस्तृत है। वह प्रतिष्ठित इंडियन नेशनल यंग एकेडमी ऑफ साइंस (INYAS-INSA) के सदस्य हैं। वह कई वैज्ञानिक सोसाइटीज जैसे अल्ट्रासोनिक सोसाइटी ऑफ इंडिया, इंडियन साइंस राइटर्स असोसिएशन की कार्यकारी परिषदों के सदस्य हैं और तमाम वैज्ञानिक परिषदों के आजीवन सदस्य हैं। वह वर्तमान में सीएसआईआर-निस्पर में रिसर्च जर्नलस डिवीजन के प्रमुख की जिम्मेदारी सम्हाल रहे हैं। उन्होंने हिन्दी में वैज्ञानिक विषयों पर कई पुस्तकें लिखी हैं और पुस्तकों का बांग्ला और अंग्रेजी से हिन्दी में अनुवाद भी किया है। उनकी पुस्तकें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित प्रकाशनों के द्वारा प्रकाशित की गईं हैं। 


श्री कुमार पाल शर्मा

श्री कुमार पाल शर्मा वर्तमान में उप निदेशक (कार्यान्वयन), राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, नई दिल्ली के रूप में कार्यरत हैं ।


शिक्षा:  एम ए हिंदी, भाषा विज्ञान में PG Diploma,  LL.B, LL.M


अनुभव: 

१) उपनिदेशक तथा  राजभाषा अधिकारी के रूप में कार्यान्वयन का 26वर्ष का अनुभव

२) Debts Recovery Tribunal में रजिस्ट्रार एवं रिकवरी अफसर के पद पर रहते हुए 06 वर्ष का legal and judicial कार्य का अनुभव

श्रीमती मीतू माथुर बधवार


श्रीमती मीतू माथुर बधवार पत्रकारिता और जनसंचार में स्नातकोत्तर डिग्री के साथ स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड में अनुवादक हैं। उनका राजस्थान पत्रिका और दैनिक भास्कर जैसे प्रसिध्द समाचार पत्रों के साथ एक प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड है, जो सामग्री निर्माण और संपादन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। श्रीमती मीतू ने 10 पुस्तकों का अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद करने में अपना उल्लेखनीय योगदान दिया हैं, जिनमें ई. श्रीधरन और अमर्त्य सेन जैसी हस्तियों की जीवनियां और रवींद्रनाथ टैगोर की कविता के 100 छंदों का कुशल अनुवाद शामिल है। उनका भाषा और संस्कृति में सच्चा जुनून निहित है, जिसके चलते उन्होंने हिंदी को समर्पित एक यूट्यूब चैनल बनाया। अपेक्षाकृत नया होने के बावजूद, उनके चैनल ने अपनी अनूठी और मूल्यवान सामग्री के लिए भाषा प्रेमियों के बीच महत्वपूर्ण लोकप्रियता हासिल की है।

https://www.youtube.com/@MeetuMathurBadhwar/videos

प्रो. राजेश कुमार

प्रो. राजेश कुमार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर में भौतिकी विभाग में आचार्य के पद पर कार्यरत हैं। डॉ. कुमार ने अपनी एमएससी व पीएचडी की पढ़ाई क्रमशः 2004 व 2009 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली से तथा अपनी बीएससी की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय से 2002 में पूरी की। 2012 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर आने से पूर्व वह नेशनल इंस्टीच्यूट फॉर नैनोटेक्नोलॉजी, यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा,  कनाडा में कार्यरत रहे।  डॉ कुमार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर द्वारा बेस्ट टीचर पुरस्कार, बेस्ट टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट पुरस्कार व बेस्ट रिसर्च पेपर पुरस्कार प्राप्त हुआ।

डॉ. आनंद मिश्रा

डॉ. आनंद मिश्रा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में सहायक प्रोफेसर हैं। उन्होंने 2006 में जीजीयू बिलासपुर से कंप्यूटर साइंस में एमएससी पूरी की। उन्होंने 2016 में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी हैदराबाद से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर में विज़न, लैंग्वेज और लर्निंग ग्रुप (VL2G) डॉ. आनंद मिश्रा के नेतृत्व में शोधकर्ताओं और छात्रों का एक समूह है। समूह एआई मॉडल विकसित करके मूल और व्यावहारिक दृष्टि और भाषा कार्यों को संबोधित करता है, जिसमें दुनिया और सामान्य ज्ञान ज्ञान प्राप्त करने की क्षमता होती है, और उस ज्ञान का उपयोग दृश्य दुनिया के बारे में तर्क करने के लिए किया जाता है।