"इलेक्ट्रो होम्योपैथी - आपका बेहतर स्वास्थ्य, हमारी प्राथमिकता।" (Electro Homeopathy - Your better health, our priority.)
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"At Shiva Electrohomeopathy, we offer natural, effective remedies for holistic healing and wellness. Explore our carefully curated range of products designed to support your health journey."
QUALITY OF ELECTROHOMEOPATHY
विटिलाइगो/विटीलिगों (सफ़ेद दाग) का सफल इलाज
HAIR LOSS का सफल इलाज
यौन संचारित रोग" (Sexual Transmitted Disease - STD) का सफल इलाज
ALL TYPE SKIN DISEASES का सफल इलाज
PCOS/PCOD का सफल इलाज
हर प्रकार के बिमारियों का इलेक्ट्रो होम्योपैथी पद्धति द्वारा इलाज संभव है
GALL BLADDER STONE का सफल इलाज
HEART RELATED PROBLEM का सफल इलाज
ANY TYPE OF COUGH, COLD & FEVER का सफल इलाज
ANY TYPE OF GASTRO ISSUE का सफल इलाज
ANY TYPE OF PAIN का सफल इलाज
Dengue, Malaria, & Typhoid का सफल इलाज
निःसंतानता (Infertility) का सफल इलाज
बांझपन (Barren) का सफल इलाज
निःसंतानता के कारण:
निःसंतानता के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि उम्र, जीवनशैली, आनुवंशिक कारक, संक्रमण या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं
पुरुष निःसंतानता/ महिला निःसंतानता का सफल इलाज
त्वचा के सभी प्रकार की बीमारियों का सफल इलाज
सफेद दाग का इलाज संभव है.
सफेद दाग एक संक्रामक रोग नहीं है.
यह एक घातक रोग नहीं है.
सफेद दाग के कारण:
ऑटोइम्यून रोग (शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली खुद के कोशिकाओं पर हमला करती है), अनुवांशिक कारण, हार्मोनल असंतुलन, तनाव, चोट या संक्रमण.
Liver disease or Hepatic disease सफल इलाज
🌿 Shiva Electro Homeopathy – स्वास्थ्य का प्राकृतिक समाधान 🌿
हमारा क्लिनिक आयुर्वेद और इलेक्ट्रो होम्योपैथी के संयोजन से प्राकृतिक उपचार प्रदान करता है, जिससे बिना किसी साइड इफेक्ट के रोगों का समाधान किया जाता है।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी और आयुर्वेद में क्या अंतर है?
आयुर्वेद प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली है, जो जड़ी-बूटियों, पंचकर्म और योग पर आधारित होती है।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली है, जिसमें पौधों से बने अत्यंत सूक्ष्म और प्रभावी उपचार दिए जाते हैं, जो शरीर की ऊर्जा संतुलन को सुधारते हैं।
कौन-कौन सी बीमारियों का इलाज किया जाता है?
हम कई प्रकार की बीमारियों का उपचार करते हैं, जैसे:
त्वचा रोग (सोरायसिस, एक्जिमा, फंगल इन्फेक्शन)
पाचन तंत्र समस्याएँ (एसिडिटी, कब्ज, गैस)
महिलाओं की समस्याएँ (पीरियड्स की अनियमितता, PCOD, ल्यूकोरिया)
मानसिक तनाव, माइग्रेन, अनिद्रा
हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह
बाल झड़ना, डैंड्रफ, एलोपेसिया
क्या यहाँ ऑनलाइन परामर्श उपलब्ध है?
हाँ, हम ऑनलाइन कंसल्टेशन की सुविधा भी देते हैं। आप हमसे ईमेल और कॉल के माध्यम से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
क्या इस उपचार के कोई साइड इफेक्ट हैं?
नहीं, हमारे द्वारा दी जाने वाली सभी दवाएँ 100% प्राकृतिक और सुरक्षित होती हैं, जिनका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता।
अपॉइंटमेंट कैसे बुक करें?
आप हमे हमारी ईमेल, फोन कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
📞 संपर्क करें: +91 8604532647,9405859194
🌐 ईमेल: manishkhm@gmail.com
📍 पता: शिवाजी नगर बोईसर महाराष्ट्र (401504)
🌐वेबसाइट: https://sites.google.com/view/shivaelectrohomeopahty/home
विशेष सुविधा:- पूरे देश में कहीं पर भी घर बैठे दवाई बिमारी के अनुसार ऑनलाइन कूरियर के माध्यम से मंगवाया जा सकता है
दवा मंगाने के लिए संपर्क करें:- 8604532647 (WHATSAPP Or CALL)
9405859194 (EMERGENCY NUMBER)
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Dr Manish K Srivastava BEMS , ( New Delhi ) Electro homeopathy physician 2 years plus experience in electro homeopathy.
Shiva ElectroHomeopathy एक प्रतिष्ठित क्लिनिक है, जहाँ प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से रोगों का इलाज किया जाता है। यह क्लिनिक Dr. Manish K Srivastava के नेतृत्व में कार्यरत है, जो इलेक्ट्रो होम्योपैथी और आयुर्वेदिक उपचार में विशेष योग्यता रखते हैं।
जयपुर (कासं)। विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के उपलक्ष्य में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के तत्वावधान में शनिवार को झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 13वीं राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। 'रीनल डिसऑर्डर्स एंड इलेक्ट्रोपैथी अप्रोच' विषय पर हुई इस सेमिनार के उदघाटन सत्र के मुख्य अतिथि भारत के उपराष्ट्रपति श्रद्धेय जगदीप धनखड़ थे, वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा अति विशिष्ट अतिथि और उप मुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री प्रेमचंद बैरवा विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, चूरू सांसद राहुल कंसवा, सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा, मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ, पूर्व स्वास्थ्य मंत्री नरपत सिंह राजवी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष अशोक परनामी, शहर के उप महापौर पुनीत कर्णावत एवं पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों के साथ इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया एवं इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा के देशभर के आए विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा को समर्पित इस राष्ट्रीय सेमिनार में उपराष्ट्रपति श्रद्धेय जगदीप धनखड़ ने अपने उदबोधन में कहा कि भारत असीम संभावनाओं का देश है और एम्स जैसे चिकित्सा संस्थानों ने रिसर्च कर इलेक्ट्रोपैथी जैसी पारंपरिक और वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को आगे बढ़ाया है, जो एक गर्व की बात है। सुखद है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी सरकार के अल्पकाल में ही अनेक अभूतपूर्व निर्णय लेकर प्रदेश को विकास की ओर अग्रसर किया है। धनखड़ ने देश में पहली बार राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी एक्ट लागू किए जाने पर प्रकाश डाला। उन्होंने अपने निजी अनुभव साझा करते हुए इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को समस्त रोगों के निदान के लिए आवश्यक बताया। जगदीप धनखड़ ने भारत को सम्पूर्ण संप्रभु, सांस्कृतिक देश बताने के साथ ही देश में आर्थिक राष्ट्रवाद विकसित कर प्राकृतिक संसाधनों के अपव्यय को रोककर स्थानीय उपयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया। सेमिनार के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इलेक्ट्रोपैथी के जनक काउंट सीजर मेटी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी औषधियां विभिन्न रोगों में लाभकारी सिद्ध हुई हैं। हम गौरवान्वित हैं कि वर्ष 2018 में देश में पहली बार राजस्थान में इस पर एक्ट पारित और पारंपरिक चिकित्सा का अग्रणी देश रहा है और आजादी के अमृतलाल में हम इसे आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उपस्थित चिकित्सा विशेषज्ञों को आश्वस्त करते हुए कहा कि इलेक्ट्रोपैथी के विकास के लिए राजस्थान सरकार यथासंभव प्रयास करेगी तथा इस क्षेत्र में होने वाले रिसर्च में भरपूर सहयोग के लिए तत्पर रहेगी। उपमुख्यमंत्री एवं आयुर्वेद मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया ने स्वागत भाषण के दौरान राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड को अविलंब लागू करने की मांग उठाई तथा राज्य विधानसभा के आगामी बजट सत्र में इलेक्ट्रोपैथी के लिए अलग से राशि आवंटन की मांग की। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जामनगर स्थित संस्थान में किए जा रहे पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के शोध कार्य में इलेक्ट्रोपैथी रिसर्च को बढ़ावा दिलाने का अनुरोध किया।
सेमिनार के तकनीकी सत्रों में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष डॉ. हेमंत सेठिया ने किडनी स्टोन विषय पर जानकारी साझा करते हुए इलेक्ट्रोपैथी के माध्यम से प्रभावी चिकित्सा पर प्रकाश डाला। रिनल सिस्टम, ब्लैडर एनाटॉमी, युरेथ्रा आदि पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि रिनल स्टोन विश्व की सबसे बढ़ती हुई बीमारियों में प्रमुख है। हमारे असंतुलित खान-पान से इस पर प्रभाव पड़ रहा है। अपनी प्रजेंटेशन में उन्होंने किडनी स्टोन के प्रकार के अनुसार इलेक्ट्रोपैथी दवाओं के उपयोग का मूल्यांकन दर्शाया। सेमिनार के अंतिम तकनीकी सत्र में उड़ीसा से आए डॉ. कमलाकांत नायक ने रिनल फेलियर विषय पर किए अपने शोध के बारे में जानकारी साझा की। सेमिनार के अंत में श्रेष्ठ कार्य करने वाले चिकित्सकों का सम्मान किया गया।
IndiaRajasthanJaipurNational Electropathy SeminarWorld Electropathy DayJagdeep Dhankhar
उप राष्ट्रपति सचिवालय
Posted On: 13 JAN 2024 5:39PM by PIB Delhi
11 जनवरी को इलेक्ट्रोपैथी दिवस था, उसकी सभी को अभिनंदन और बधाई! हम ऐसे कालखंड में हैं कि हमें कुछ बातों की ओर ध्यान रखना पड़ेगा। वह हमारे रीढ़ की हड्डी हैं ‘Spinal Strength of our Great Nation’. भारत में दुनिया की 1/6th ह्यूमैनिटी रहती है। हमारी जो व्यवस्था है दुनिया में इसका कोई मुकाबला नहीं है। राष्ट्रवाद और भारतीयता को आप सदैव समर्पित रहें, यह मेरी आकांक्षा है और अभिलाषा है।
और इसको भी मैं अक्सर बच्चों से कहता हूं and they appreciate it. It is not an option, it is non negotiable. यही एक रास्ता है हमारे भारत को बहुत महान बनाने का और उसी रास्ते पर भारत निरंतरता से अग्रसर है.
देशहित को सर्वोपरि रखना हमारा दायित्व है। राष्ट्रधर्म और सांस्कृतिक अस्मिता को कभी आंच ना आये यह हमारा संकल्प और दायित्व होना चाहिए। कुछ भ्रमित लोग ऐसा करते रहते हैं। हम जानते हैं कि वह गलत काम कर रहे हैं। राष्ट्र विरोधी नैरेटिव को चलाते हैं। जानकार आदमी जब ऐसा करता है तो बड़ी पीड़ा होती है। कोई अर्थशास्त्री जिसने 10 साल तक भारत की अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ाव रखा वह कहता है विदेश से कि 5% से ज्यादा की बढ़ोतरी नहीं होगी और वह बढ़ोतरी 7.6% है। तो मैं आप सबसे कहूंगा यह समय शांत रहने का नहीं है, यह समय चुप रहने का नहीं है।
If we remains silent when we should be speaking vocaly, then trust me our silence will resonate in our ears for years to come and we will be silenced.
भारतमाता यह स्वीकार नहीं करेगी और मेरा आग्रह रहेगा हर व्यक्ति से कि वह अपने कर्तव्य का निर्वहन वर्तमान स्थिति को देखकर करें जहां भारत का अस्तित्व पूरी दुनिया दूसरे तरीके से मान रही है।
यदि अगर किसी क्षेत्र में सबसे बड़ी छालंग भारत ने लगाई है तो वह स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगाई है। प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में स्वास्थ्य मूल केंद्र रहा है, विकास का मूल मंत्र रहा है और यही कारण है कि पहली बार देश में आयुष मंत्रालय बना। इससे पहले नहीं था पहली बार दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम - आयुष्मान भारत दुनिया में कहीं ऐसा नहीं है। दुनिया के जो सबसे विकसित देश है वहां भी अफॉर्डेबल मेडिकल केयर नहीं है, जो यहां पर है।
आज के दिन हर आदमी यह सोचता है कि मेरा खानपान अच्छा हो, पेस्टिसाइड से ग्रसित ना हो। मैं स्वस्थ रहूं। पर भारत ने पहल की है इसमें भी और दुनिया को बहुत बड़ा रास्ता दिखाया है। हमारे अथर्ववेद में क्या कुछ नहीं लिखा है स्वास्थ्य के बारे में। दुनिया के वैज्ञानिक हतप्रभ है और नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र का उपयोग करके वहां योग के बारे में बताया। दुनिया ने स्वीकार किया कम से कम समय में दुनिया के ज्यादा से ज्यादा देशों ने उसको अपनाया।
अभी 21 जून को दुनिया के हर कोने में योग दिवस मनाया जाता है। योग दुनिया को भारत की देन है और गत योग दिवस पर जबलपुर, मैं उसमें था और हमारे प्रधानमंत्री जी ने विदेश में संयुक्त राष्ट्र प्रांगण में दुनिया के देशों के प्रतिनिधियों के सामने योग किया। योग, योग दिवस तक सीमित नहीं है। योग हर दिन का है।
अब देखिए मोटे अनाज की बात दुनिया में बहुत बड़ा चलन हो गया श्री अन्न का। प्रधानमंत्री जी ने दूरदर्शिता दिखाते हुए संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से International Millet Year declare कराया। कितना बड़ा बदलाव आया है। किसान की हालत तो उसमें सुधरेगी ही बहुत सी व्यवसायिक Opportunities भी वहां से निकलेगी पर स्वास्थ्य की दृष्टि से यह बहुत जबरदस्त है।
Electropathy के बारे में मैंने कहा, नाम के अलावा सब ठीक है। नाम के अंदर लगता है कि कोई करंट लगेगा पर ऐसा कुछ नहीं है। There can be nothing more natural, organic then electropathy.
आज के दिन मैं यहां से आह्वान करना चाहूंगा,
किसान बंधुओं को खासकर कि वह अपने बच्चों को नौकरी में भेजने के लिए लालायित हैं। वह इस और ध्यान नहीं देने वाले हैं कि सबसे बड़ा व्यवसाय कृषि उत्पाद का है। दूध का जितना वैल्यू एडिशन हो सकता है सरकार की जो नीतियां हैं आज के दिन उनका फायदा उठाना चाहिए। मैं यह सब इसलिए कह रहा हूं आज के दिन क्योंकि यह सब बातें स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है।
हमारी लाइफस्टाइल ऐसी हो गई है कि हम लाइफस्टाइल की वजह से बीमारी को आमंत्रण दे रहे हैं। हमारी इम्युनिटी इतनी कमजोर हो गई है कि जब कोविड की महामारी आई तो राजस्थान के कई स्थानों से पैकेट बुने गए, कोलकाता में भेजे गए। कोलकाता पुलिस ने उनको ग्रहण किया और वह सबसे ज्यादा कारगर साबित हुए। राज भवन कोलकाता में लघु उद्योग चालू कर दिया हमने। 600 से ज्यादा कर्मचारी थे, हर तीसरे दिन हम काढ़ा देते थे। एक भी कोविड की चपेट में नहीं आया।
कहने का मतलब यह है की चमक है, दमक है आकर्षण है, आवश्यकता है बड़े अस्पताल की, मैं उसके खिलाफ नहीं हूं पर जो हमारी पूंजी है हजारों साल की पूंजी है जो सार्थक है उसको अपनाना चाहिए।
देश के मानुष को बदलना ही राजतंत्र है देश को एक दृष्टि देना यही राजतंत्र है।
शुरू में हम कहीं भी जाते हैं, भारत का जो व्यक्ति है वह थोड़ा हिचकिचाहट में रहता है कि पता नहीं दूसरा कितना प्रतिभाशाली है। मैं भी पेरिस में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन में रहा। We take to system as duck takes to water. बत्तख की तरह हम भी जल्दी ग्रहण कर लेते हैं और यही कारण है आज के दिन की दुनिया में कोई ऐसा बड़ा कॉर्पोरेट नहीं है कोई ऐसी बड़ी संस्था नहीं है जहां भारतीय का योगदान ना हो। हम कहां थे और कहां आ गए हैं।
10 साल पहले दुनिया की पांच अर्थव्यवस्था में जो दुनिया के लिए चिंता का कारण थी, दुनिया पर बोझ थी, हमारा नाम उनमें शुमार था। और आज इंग्लैंड को पीछे छोड़ते हुए, कनाडा को पीछे छोड़ते हुए, फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए हम दुनिया के पांचवी आर्थिक महाशक्ति है। 2027 - 28 तक हम जापान और जर्मनी को भी पीछे छोड़ देंगे।
मेरा यह पीछे छोड़ने वाला मामला मुझे सुधार करना चाइये। हम किसी को पीछे छोड़ते नहीं हैं। हम हमारा मार्ग प्रशस्त करते हैं,और सबको साथ लेते हैं।
दुनिया के सामने सबसे बड़ा संकट था कोविड। भारत ने अपने लोगों का ध्यान रखते हुए भी 100 से ज्यादा देशों की मदद की। वसुधैव कुटुंबकम हमारे लिए एक एक्सप्रेशन नहीं है यह हमारी सोच है और यही कारण है कि जी-20 में इसको मोटो के रूप में अपनाया गया।
लोग कहते हैं sky is the लिमिट। आज के भारत में sky is not the limit आज के भारत में कोई लिमिट नहीं है।
हमारा शरीर तभी स्वस्थ रहेगा जब शरीर के सब अंग स्वस्थ रहेंगे, दिमाग स्वस्थ नहीं रहता परेशानी है। दिल के साथ परेशानी है, liver के साथ पूरे शरीर का यही हाल है। समाज का भी यही हाल है। समाज भी तभी स्वस्थ रहेगा जब समाज के सभी अंग एक साथ रहेंगे।
हमारी संस्कृति यही कहती है सब मिलकर काम करो एकजुटता से काम करो। बड़ी पीड़ा होती है। कहने को तो कहते हैं 36 कौम है पर कोम ज़यादा हैं। मुझे बड़ी पीड़ा होती है कुछ लोगों की सोच कितनी नीचे है, विकृत है कितनी छोटी है, ऐसी बातें करने लग जाते हैं 35 बनाम एक। इनको इस भाग में बांट दो, उस भागों में बाट दो। हम सब का परम कर्तव्य है कि समाज में जो लोग जहर घोलते हैं, सबसे पहले उनका आचरण अमर्यादित है। दूसरा उनको यह नहीं पता कि जिसको वह शक्ति मानते हैं वह उनकी सबसे बड़ी कमजोरी है। समाज को जोड़ना हमारा कर्तव्य है। समाज को इस तरीके से हम नहीं बांट सकते हैं। राष्ट्रहित सर्वोपरि हित है राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जा सकता।
मुझे राम मंदिर के संबंध में निमंत्रण मिला तो मुझे वहां कहना पड़ा सार्वजनिक रूप से कि राम की कल्पना, राम राज्य की कल्पना भारत के संविधान में निहित है। संविधान के निर्माता ने इसे पराकाष्ठ पर रखा है। संविधान में जो बीस से ज्यादा चित्र हैं उनमे मौलिक अधिकारों के ऊपर जो चित्र है उसमें राम, लक्ष्मण, सीता है। यह संविधान में है।
मुझे बहुत पीड़ा होती है जब कोई ... मैं किसी की आलोचना नहीं करता.... अज्ञानी है, वह इतिहास से अनभिज्ञ है जो हलफनामा दे देते हैं कि राम काल्पनिक है। वह वर्तमान में किसी का अनादर नहीं कर रहे हैं वह हमारे संविधान निर्माताओं का अनादर कर रहे हैं जिन्होंने बहुत सोच समझकर विवेकपूर्ण तरीके से उन चित्रों को वहां रखा है।
भारत का जो अमृत काल है वह भारत का गौरव काल है। अमृत काल में इतनी मजबूत नींव रखी जा चुकी है कि 2047 में जब भारत आजादी के 100 साल मनाएगा, भारत विकसित देश ही नहीं होगा दुनिया में सर्वोपरि होगा।
हमारा परम कर्तव्य है कि हम आर्थिक राष्ट्रवाद की सोचें। यह हर एक का है, खास तौर से जो उद्योग में है व्यापार में है इंडस्ट्री ट्रेड एंड बिजनेस वह यह काम कर सकते हैं। हम विदेशों से दिये मंगाएंगे, कैंडल मंगाएंगे, फर्नीचर मंगाएंगे, कर्टन मंगाएंगे, वह चीजे मंगाएंगे जो यहां बनती हैं। हम थोड़े से पैसे के लालच के लिए देश का और देश के नागरिकों को बहुत अहित कर रहे हैं। जब बाहर से वह चीज़ मंगा रहे हैं जो यहां उपलब्ध है तो हम उन लोगों के हाथों से काम छीन रहे हैं जो वह उसे काम में लगे हए हैं। मेरी विनम्र प्रार्थना है हर नागरिक से और खास तौर से इंडस्ट्री ट्रेड एंड बिजनेस के नेताओं को, लीडरशिप को आगे आना चाहिए हम देश में वही आयात करें जो हमारी राष्ट्र के लिए अति आवश्यक है।
कहते हैं कि मेरे पास पैसा है तो पांच गाड़ियां रखूंगा चाहे जितना पेट्रोल use करूंगा चाहे जितनी बिजली use करूंगा। मतलब I will consume natural resources because i have fiscal capacity because I have power in my पॉकेट. यह आपका अधिकार नहीं है। We are trustees. पानी हो, कोयला हो ऊर्जा हो उसका उपयोग optimal utilization होना चाहिए।
जो लोग समाज को हिस्सों में बांटना चाहते हैं तात्कालिक राजनीतिक फायदे के लिए बांटना चाहते हैं जहर फैलाना चाहते हैं 35 बनाम 1 की बात करते हैं, 20 बनाम 10 की बात करते हैं वह लोग समाज के दुश्मन नहीं वह खुद के दुश्मन भी है। उनका आचरण अमर्यादित नहीं घातक है और आज के दिन उनको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति या समूह है कितनी भी सिक्रेसी में कोई बात करें वह सड़क पर तुरंत आती है, तीव्र गति से आती है और समाज को एक तरह से बहुत muddy वाटर में डालती है। यह मेरी आपसे कामना है प्रार्थना है कामना है अनुरोध है कि ऐसे तत्वों को सबक सिखाने की दरकार नहीं है वह अपने हैं उनको जागरूक करने की दरकार है उनको समझाने की दरकार है उनको सही रास्ते पर लाने की दरकार है। और यह काम संस्थागत तरीके से नहीं अपने पड़ोस में होना चाहिए, अपने समाज में होना चाहिए, जिस वर्ग से हम जुड़े हुए हैं वहां होना चाहिए।
मेरा संवाद प्रेमचंद जी बैरवा जी से विचित्र परिस्थिति में हुआ। 23 अप्रैल 2023 को धन्ना जाट भगत की जयंती पर मुझे कैथल में मुख्यमंत्री ने हरयाणा बुलाया। बहुत शानदार कार्यक्रम रहा। उस इलाके में धन्ना जाट की बहुत मान्यता है और मुझे लगा राजस्थान में इनका जन्म हुआ है वहां का निमंत्रण मुझे मिलने में आपने बहुत सहायता की और 23 सितंबर 2023 का दिन निश्चित किया गया। पर एक संकट आ गया। संकटमोचन भी आप ही बने। संकट यह आ गया की तत्कालीन सरकार ने कहा कि यहां पर हेलीकॉप्टर उतर नहीं पाएगा स्वाभाविक है कि लोग चाहते हैं कि जब अपनों में से जब कोई ऊपर जाता है तब हम उसका स्वागत भी करें और अपेक्षा भी रखते हैं। इन्होंने बहुत बुद्धिमत्ता दिखाई। एक किसान को तैयार किया और किसान ने जिलाधीश को लिखकर दे दिया कि मैं अपना एक खेत जिसमें अब तीन हेलीकॉप्टर एक साथ आ सकते हैं, देने को तैयार हूं।
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MS/RC/JK
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हाँ, महाराष्ट्र में इलेक्ट्रोपैथी को मान्यता प्राप्त है। सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. हालांकि, कुछ कानूनी और नियामक मुद्दे हैं जिनका सामना इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को करना पड़ सकता है.
विस्तार से:
कानूनी मान्यता:
सर्वोच्च न्यायालय ने 22 जनवरी 2015 को अपने आदेश में कहा था कि 'इलेक्ट्रो-होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर कोई प्रतिबंध नहीं है'.
महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स अधिनियम:
महाराष्ट्र में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स अधिनियम, 1961 के तहत पंजीकृत होने की आवश्यकता हो सकती है.
इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों के लिए कानूनी मुद्दे:
कुछ इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ा है.
उस्मानाबाद में एक मामला:
उस्मानाबाद के एक सिविल जज ने 15-12-2022 को सिविल सूट संख्या 74/2016 में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक को उपचार प्रदान करने और अपने नाम के आगे "डॉ." लगाने की अनुमति दी थी, ने कहा.
संक्षेप में, इलेक्ट्रोपैथी को महाराष्ट्र में मान्यता प्राप्त है, लेकिन इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को पंजीकरण और अन्य कानूनी आवश्यकताओं का पालन करने की आवश्यकता हो सकती है.
महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को राज्य में चिकित्सा व्यवसाय करने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। वे महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट 1961 के सेक्शन 33 (1) के तहत आयुष निदेशालय के माध्यम से पंजीकरण करके व्यवसाय कर सकते हैं.
विस्तार से:
कानूनी स्वीकृति:
महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी को वैध चिकित्सा प्रणाली के रूप में मान्यता दी है, जिससे इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को राज्य में अभ्यास करने की अनुमति मिल गई है.
पंजीकरण:
इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक महाराष्ट्र मेडिकल प्रैक्टिशनर्स एक्ट 1961 के तहत आयुष निदेशालय के माध्यम से पंजीकरण करके अपने व्यवसाय को कानूनी रूप से कर सकते हैं.
अधिकार:
योग्य बीईएमएस और एमडी (ईएच) डॉक्टरों को बीईएमएस, एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, बीयूएमएस, बीएनवाईएस, बीपीटी, बी.एकु जैसी चिकित्सा पद्धतियों का अभ्यास और शिक्षा का अधिकार है.
अदालत के फैसले:
भारत के उच्च और सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के लिए कानूनी समर्थन के कारण, पूरे भारत में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों पर कोई प्रतिबंध नहीं है.
NEHM ऑफ इंडिया:
NEHM ऑफ इंडिया इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने और विकसित करने में सक्रिय रूप से भूमिका निभा रहा है, जिसमें शिक्षा प्रदान करना, प्रमाण पत्र जारी करना और कानूनी सहायता शामिल है.
इलेक्ट्रोपैथी की मान्यता:
इलेक्ट्रोपैथी को कुछ अदालतों ने मान्यता दी है, जैसे कि कोलकाता उच्च न्यायालय और जबलपुर उच्च न्यायालय.
NEHM OF INDIA की भूमिका:
N E H M of India ने ग्रामीण और शहरी भारत में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों का एक व्यापक नेटवर्क बनाया है, और यह चिकित्सा पाठ्यक्रम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है.
अभिभावक संगठन:
मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रोहोम्योपैथी इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सकों के अधिकारों के लिए काम कर रहा है और राज्य सरकार को इलेक्ट्रोहोम्योपैथी को मान्यता देने के लिए प्रेरित कर रहा है.
इलेक्ट्रोहोम्योपैथी पर प्रतिबंध:
कुछ समय पहले, महाराष्ट्र सरकार ने 17-11-1987 के आदेश में कहा था कि इलेक्ट्रोपैथी/इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के पाठ्यक्रम को राज्य या केंद्र सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है. हालाँकि, बाद में इलेक्ट्रोहोम्योपैथी पर प्रतिबंध हटा दिया गया.
निष्कर्ष:
महाराष्ट्र सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को राज्य में चिकित्सा व्यवसाय करने की अनुमति दी है, और अब वे आयुष निदेशालय के माध्यम से पंजीकरण करके अपने व्यवसाय को कानूनी रूप से कर सकते हैं.
भास्कर न्यूज| मदनगंज-किशनगढ़
आयुर्वेदिक ऐलोपैथिक चिकित्सा की तरह अब इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति से जुड़े चिकित्सक इलाज कर सकेंगे। सालों से चली आ रही इस चिकित्सा पद्धति को अब तक मान्यता नहीं थी। हाल ही में इस चिकित्सा पद्धति को राजस्थान सरकार ने आयुर्वेद, एलोपैथी, होम्याेपैथी, यूनानी के समकक्ष मानते हुए मान्यता दी है। विधानसभा में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति विधेयक 2018 पारित किया है। इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा परिषद के डॉ. देवराज पुरोहित, डॉ. योगेंद्र पुरोहित ने बताया कि इसके लिए राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति बोर्ड का गठन किया जाएगा। जो चिकित्सा पद्धति के विकास, शिक्षा, चिकित्सा व रिसर्च की दिशा में कार्य करेगा। राजस्थान पहला ऐसा प्रदेश है जहां इस चिकित्सा पद्धति को मान्यता मिली है।
25 से ज्यादा इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सक: इस पद्धति से इलाज करने वाले चिकित्सक उपखंड में 25 से ज्यादा आैर प्रदेश में दो से ढ़ाई हजार है। ये चिकित्सक 16 साल से मान्यता के लिए प्रयास कर रहे हैं।
क्या है चिकित्सा पद्धति: डॉ. देवराज पुरोहित के अनुसार इलेक्ट्रोपैथी में दवाओं का निर्माण नॉन पॉइजन वनस्पति से किया जाता है, करीब 114 पौधों से इसकी दवा बनती है। इलेक्ट्रो का अर्थ शरीर में पाए जाने वाली धनात्मक व ऋणात्मक शक्ति है, होम्यो का अर्थ समानता एव पैथी का अर्थ चिकित्सा व सिद्धांत से है। अत: इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से मनुष्य में असामान्य शक्ति को पेड़-पौधों से प्राप्त रस में उपस्थित धनात्मक व ऋणात्मक शक्तियों के द्वारा समान किया जाता है।
सरकार ने बनाई कमेटी: इस चिकित्सा पद्धति की मान्यता के लिए सरकार के द्वारा वैज्ञानिक एवं विधिक विश्लेषण कमेटी का गठन किया था। विशेषज्ञों ने इसका इतिहास, पद्धति का परिचय, सिद्धांत गुण, अवगुण, इलेक्ट्रोपैथी साहित्य पर जांच के बाद कमेटी ने मत रखा कि यह चिकित्सा पद्धति सरल, सुलभ है जिसका साइड इफेक्ट नहीं है।
इलेक्ट्रोपैथी की मान्यता मिलने पर खुशी जताते चिकित्सक।
राजस्थान सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन को मंजूरी
राजस्थान सरकार ने इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन को मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को और अधिक मजबूती मिलेगी। यह बोर्ड इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन और इस चिकित्सा पद्धति के विकास, अनुसंधान और शिक्षा पर महत्वपूर्ण कार्य करेगा।
इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड के गठन से राज्य में इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा और इस चिकित्सा पद्धति को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा। बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति से इस चिकित्सा पद्धति के विकास में और अधिक गति आएगी।
वसुंधरा राजे सरकार द्वारा 6 साल पहले इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को कानूनी मान्यता प्रदान करने के बाद अब भजनलाल सरकार द्वारा इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड गठन को मंजूरी देने से इस चिकित्सा पद्धति के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दिखाई दे रही है।
डॉ जनार्दन सिंह
राजस्थान इलेक्ट्रोपैथी विकास संस्था जयपुर
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