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आकाशात्पतितं तोयं यथा गच्छति सागरम्।
सर्वदेवनमस्कारः केशवं प्रति गच्छति॥११॥
अन्वयः-
यथा आकाशात् पतितम् तोयम् सागरम् गच्छति सर्वदेवनमस्कारः केशवम् प्रति गच्छति।
अनुवादः-
आकाश से गिरा हुआ पानी जैसे समुद्र में जाता है, उसी प्रकार सभी देवताओं को किया गया नमस्कार श्रीहरि (श्रीकृष्ण) को जाता है॥