हमारा हिन्दू धर्म 

सनातन धर्म 


जब बात होती है धर्म की तो एक सबसे बड़ी सत्ता की बात की जाती है जिसमे हर चीज का निर्माण ऐसा किया है कि वो जरुरी है . चाहे बात करे सूर्य की , हवा की या जल की . जीवन को जीने के लिए हम अपने शरीर की रचना की बात करे तो आपको फिर से एक महाशक्ति के अस्तित्व का पता चलता है . 

सोचे कि हमारे शरीर की बनावट सिर्फ 2 लिक्विड बूंदों से हुई है , एक बीज में एक बड़ा पेड़ समय के साथ सही परिश्तिती में पनपता है . कौन है इसके पीछे ......तब बात होती है उस परम ब्रह्म शक्ति की जो यह संसार चला रहा है , उसका कोई रूप नही है पर वो सबसे शक्तिशाली है , हिन्दू सनातन धर्म में उसे जगत रचियता ब्रह्म कहा गया है . 

ब्रह्मा के साथ के लिए जगत स्वामी और पालनकर्ता विष्णु है जो संसार को चलाने का कार्य करते है और जब अधर्म बढ़ जाता है तो अवतार लेकर उस पाप कर्म का संहार करते है . 


यह सब हमें हमारे वैदिक काल के शास्त्रों पुराणों और वेदों से पता चलता है और इसी से सनातन धर्म आगे बढ़ता है .  हम समझते है और मानते है और फिर हमारे बच्चे भी इसी का अनुसरण करते है . 


क्या पूजा पाठ ही धर्म है 

अब बात करे कि क्या पूजा पाठ , भगवान की भक्ति ही सच्चा धर्म है ? 


तो जवाब है नही , भगवान कभी नही कहते है कि आप उनकी पूजा करो , वे आपसे बस यह चाहते है कि आप अपने सही मूल्यों और आदर्शो पर अपने जीवन पथ में आगे बढे जिसमे लोभ , लालच , क्रोध ,झूठ पाखंड ना हो , सबसे बड़ा धर्म है कि आप सबसे पहले बहुत ही अच्छे आदमी बने , जरुरतमंदों की सहायता करे , क्योकि 84 लाख योनी में यह जीवन आपको अपने जीवन मरण के चक्र से छुटकारा पाने के लिए ही मिला है . आप अपने अच्छे कर्मो से परमात्मा में विलीन होकर उसकी शक्ति को बढ़ा सकते है .