ORDER US ON
"जहाँ चाय है, वहाँ ख़ुशी है"
सुबह की शुरुआत गर्मागर्म चाय के प्याले के साथ हो तो पूरा दिन बन जाता है.
ये चाय ही तो है जो अपनों को अपनों से जोड़ती है.
दोस्ती के न जाने कितने किस्से, कितनी यादें उन्हीं नुक्कड़ों पर तो बनती बिगड़ती हैं जहां चाय के प्याले.
सुनो मेहबूबा, एक राय है, तुमसे बेहतर तो मेरी चाय है.
एक सुबह क्या कॉफी के नाम कर दी, चाय ने तो हमे बेवफा ही कह डाला.
वो चाय बहुत अच्छी बनाती है, एक यही वजह काफी है, उससे मोहब्बत करने के लिए.