सुन रही हो ना,
मेरे बाद भी हसीन रहना,
यू हीं मुस्कुरा के महकना,
और बेख़याली में जीना।
मत सुलझना, बहुत मत बदलना,
यूं ही वॉलेट खोने की,
वजह बनते रहना,
सुन तो रही हो ना।
मेरे बाद भी,
उम्मीदों को मत खोना,
क्यों कि, उम्मीदों के बाद तुम खुद को खो दोगी,
और तुम खो गयी तो,
हमारी मुहब्बत हमसे भी हार जाएगी,
दुनिया से हारने के बाद।
सुनो तो, मत हारना।
अपने गुस्से को भी,
मत खोना,
और प्यार तो बिल्कुल ही नही खोना,
क्यूं की, प्यार खो दी तो मुझे भी खो दोगी,
और मैं खो गया तो,
हमारी मुहब्बत हमसे खो जाएगी,
एक-दूसरे को खोने के बाद,
सुनो तो, मत खोना।
अब हम सपनों में मिलेंगें,
वहीं तुम्हारे रक्तवर्णी होंठों से,
अमृत पियेंगे,
क्यों कि, शायद,
ये दुनिया,
हमारे सपनों को न चुरा पाए,
पर सुनो ना,
अपने सपनों को न खोना,
क्यों कि, सपनों को खो दी तो जीवन भी खो दोगी,
और जीवन खो दोगी तो,
मैं भी खो दूंगा,
सुनो ना, मत खोना।