शान्ति बनाये रखियेगा। ये राम ही हैं, जो कानून और राजा के सम्मान में 14 वर्ष बनवास स्वीकार कर लेतें हैं। जरासंध के प्रकोप से अपने सैनिकों को बचाने के खातिर वो महान कृष्ण ही हैं, जो अपनी जन्मस्थली छोड़ द्वारिका में जा बसतें हैं। जब लोक कल्याण के लिए, निर्दोष लोगों के भले के लिए, यदि, स्वयं भगवान राम और कृष्ण अपनी जमस्थली छोड़ सकतें हैं, तो हम भी अपने युग मे लोक कल्याण के लिए उनकी जमस्थली छोड़ ही सकतें हैं। ये राम और कृष्ण का अपमान ही करने जैसा तो है, की, उनकी जमस्थली के लिए कोई भी निर्दोष का कुछ नुकसान हो। इस लिए जो भी निर्णय हो, उसका स्वागत करिये। ॐ शान्ति।
(9 Nov 2019 )