अरे यार कितनी फालतू की चीजें पढ़ते है हम सब। अब जैसे आज तक मुझे पता नहीं चला diffrentiation क्यों पढ़तें हैं! दुनिया का कोई भी आदमी बिना Differentiation पढ़े अपनी जिंदगी बिता सकता है तो इतना टॉर्चर क्यों?
रुको रुको रुको। सुनो ध्यान से। पता है, दुनिया मे यात्रा करने के लिए सबसे सुरक्षित साधन क्या है! हवाई जहाज। परसेंटेज वाइज सबसे कम लोगों की जान जाती है हवाई जहाज के यात्रा से।
पता है हवाई जहाज से संबंधित सबसे मुश्किल काम क्या होता है! उसकी लैंडिंग। उसकी लैंडिंग के लिए सबसे जरूरी चीज जिसका ज्ञात होना अतिआवश्यक है वो है उसकी हवाई पट्टी से उचाईं। ये उचाईं जितनी सटीक होगी लैंडिंग उतनी सेफ होगी। ये उचाईं millimeters में पता करने के लिए जिस तकनीक की जरूरत होती है उसे कहतें हैं GPS!
GPS device पृथ्वी के बाहर बहुत तेजी से पृथ्वी के चक्कर लगा रहे सैटेलाइट को एक तरंग भेजता है जिसको रेडियो वेव कहतें हैं। ये रेडियो वेब को सैटेलाइट तक पहुचने में जो समय लगता है उससे हम उचाईं पता लगा पातें हैं। और इसी 'समय' की सटीक तरह से पता लगाने में Differentiation की जरूरत पड़ती है। क्यों?
आपने बचपन मे पढ़ा होगा कि लाइट कहीं तेज चलती है और कहीं धीरे। पर सच ये है की, लाइट कभी धीरे या तेज नही चलती। उसकी गति पूरे ब्रम्हांड में हर जगह और हर कोने में निश्चत है। बिल्कुल फिक्स। बल्कि 'समय' धीरे और तेज चलता है। अब जब स्पेस में 1.5 सेकेंड बीतने पर पृथ्वी पर केवल 1 सेकंड ही बीतेगा तो लाइट पृथ्वी पर 1 सेकेंड ही चल पाएगी जब कि स्पेस में 1.5 सेकेंड। इसी वजह से पृथ्वी के पास लाइट धीरे चलती हुई प्रतीत होगी। शुरू में आइंस्टीन को लगा था कि समय केवल दो पिंडों में गति में अंतर के वजह से धीरे होता है (स्पेशल रिलेटिविटी 1905) पर बाद में उन्हें अनुभव हुआ कि ये ग्रेविटी के वजह से भी धीरे होता है (जेनेरल रिलेटिविटी 1915)। समय के धीरे होने की इस परिघटना को time dialation बोलतें हैं।
अब चुकी सैटेलाइट स्पेस में हो कर पृथ्वी से आ रही रेडियो वेब के आने में लगे समय के आधार पर हवाई जहाज की उचाईं बताती है, इस लिए time dialation के समीकरण को ध्यान में रखते हुए ये उचाईं निकालनी पड़ती है। आइंस्टीन के समीकरण को सैटेलाइट में स्थित कंप्यूटर के लिए संभाल पाना नामुमकिन जैसा है। एक तो हज़ारो GPS डिवाइस, ऊपर से ऐसे सैकड़ों और कैल्कुलेशन करने होतें हैं। वहां सुपर कंप्यूटर लगाना बहुत महंगा और गैर जरूरी है। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए time dialation के समीकरण को linearly approximate मतलब थोड़ा आसान किया जाता है। आसान करने की ये प्रक्रिया बिना Differentiation के संभव नहीं है। फिलहाल इस approximation के लिए जो गणितीय सूत्र प्रयोग में लाया जाता है उसे Newton ने दिया था।
Differentiation makes life easy. It makes air travel safest transportation.
Enjoy maths.
~राघव
23 Mar 2018