नई दिल्ली। हांगकांग से भारत में हो रहे आयात में अप्रत्याशित बढ़त पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए और भारतीय बाजार में चीनी सामान के बढ़त को बनाये रखने के लिए चीन का एक सामरिक प्रयास के रूप में इसे देखते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT ) ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पियूष गोयल को भेजे एक पत्र में भारत में हांगकांग से माल आयात पर करीबी जांच करने का आग्रह किया है। कैट गोयल से यह भी आग्रह किया है कि जिन देशों को ट्रांसशिपमेंट हब बनाकर चीन अपना सामान भारत भेज सकता है।
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भारत के मुक्त व्यापार समझौते, संधियां और व्यापार से संबंधित अन्य समझौते को भी नए सिरे से देखा जाना चाहिए। और यदि उनमें कोई छिद्र हैं तो उनको तुरंत बंद करना चाहिए। इस बीच कैट ने केंद्र सरकार द्वारा मापने वाले टेप के जो चीन से अन्य देशों के मार्फ़त बहुतायत में आ रहे हैं पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी लगाने की कवायद शुरू करने के लिए इस कदम की सराहना की है !
पीयूष गोयल को भेजे अपने पत्र में कैट ने कहा है कि भारत चीन के साथ अपने व्यापार के अंतर को कम करने में सफल हुआ है लेकिन पिछले तीन वर्षों में हांगकांग के साथ व्यापारिक संबंध में व्यापार संतुलन अधिशेष से घाटे में बदल गया है। पिछले वित्त वर्ष में हांगकांग से भारत का आयात 17 बिलियन डॉलर था जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार उपकरण और कंप्यूटर हार्डवेयर कुल मिलाकर लगभग 8 बिलियन डॉलर थे जबकि 2017-18 में यह 10.67 बिलियन डॉलर था ! हॉंकॉंग के साथ तेजी से बढ़ते आयात से इस सम्भावना को बल मिलता है की चीन के अपने निर्यात मार्गों को बदलने की तैयारी में है जबकि भारत चीन पर अपनी आयात निर्भरता को कम करना चाहता है।
CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि हांगकांग से आयात के आंकड़ों का एक करीबी विश्लेषण स्पष्ट रूप से बताता है कि जिन सभी प्रमुख वस्तुओं में चीन से आयात में गिरावट आई है लगभग उन्ही सब वस्तुओं में हांगकांग के साथ हुए व्यापार में वृद्धि आई है। ये वस्तुएं मुख्य रूप से विद्युत मशीनरी और उपकरण, फल, खनिज और लोहा और अन्य सामान हैं। ऐसा लगता है कि चीन से भारत को कम निर्यात और इसी अवधि के दौरान हांगकांग से भारत में व्यापार वृद्धि चीन का एक सोचा समझा षड्यंत्र है।
इस विश्लेषण में यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि विद्युत उत्पाद, परमाणु रिएक्टर, खनिज ईंधन और लोहा और स्टील जैसे अन्य उत्पाद मुख्य रूप से चीन में उत्पादित होते हैं और हांगकांग में नहीं। इसलिए ऐसा लगता है कि भारत में प्रवेश करने वाली वस्तुओं का आयात मार्ग बदल रहा है जिस पर ध्यान देने की तत्काल जरूरत है। भरतिया और खंडेलवाल ने गोयल से आग्रह किया है की चीन की इस साजिश को रोकने के लिए हांगकांग से आयात होने वाली वस्तुओं पर पैनी निगाह रखते हुए जरूरत पड़ने पर एंटी-डंपिंग ड्यूटी को लगाए जाने की आवश्यकता है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए हांगकांग और अन्य दक्षिण एशियाई देशों से होना वाले आयात पर नजर रख तात्कालिक उपाय करते हुए चीन के मंसूबों को ध्वस्त किया जाना जरूरी है।