Read and Listen to Horror Stories in Hindi & English
भूत या प्रेत (भूतों) की अवधारणा भूतिक तथा आध्यात्मिक परम्पराओं में प्राचलित है, लेकिन उनकी असल अभिव्यक्ति और प्रकृति पर अलग-अलग मतविभिन्न व्याख्या और मान्यता होती हैं। भूतों के बारे में विश्वास की प्रथा का समाज, देश और धर्मों में पाई जाति है। यहां तक की, कुछ समाज में भूतों के प्रति विश्वास आज भी मजबूत है।
भूतों के बारे में व्याख्या और मान्यता का समावेश करने के लिए, अलग-अलग धर्मों, देश और संप्रदाय में भूतों की अलग-अलग प्रकार और व्याख्यान हैं। कुछ लोग भूतों को मरने के बाद संसार में आत्मा के रूप में फिर से पैदा होने वाले व्यक्ति का अस्तित्व मानते हैं, जबकी दूसरे लोग भूतों को भौतिक प्रभाव या अलौकिक रूप में देखते हैं।
विश्वास के अनुसर, भूत साधारण रूप से पुराने मकान, भूत बंगला, स्मारक, भूत बंगला या किसी अन्य जगह में बस्ती होते हैं। भूतों का व्यक्तित्व और प्रभाव प्राकृतिक शक्तियां और आत्मिक तत्वों से जुड़ा मन जाता है। कुछ लोग भूतों के साथ अप्सराओं, पिशाचों, दयान या अन्य आत्मयों की भी मान्यता रखते हैं।
भूतों की कथाएँ, भूतिक घटनें और भूतों के साथ जुड़े अनुभव समय-समय पर सुनी जाती हैं। कथाओं में, भूतों के रूप में दिखायी देने वाले छायाात्माक या अदभुत घाटनें शामिल होती हैं। कुछ लोग भूतों को भूतप्रेत, असुर, या प्रेतात्मा के रूप में समझते हैं। आध्यात्मिक और तांत्रिक परंपरा में, भूतों से बचने और उनके प्रभाव को दूर करने के लिए अलग-अलग उपाय और मंत्रों की विधि प्रचलित होती हैं। भूतों के प्रति विश्वास और उनके व्याख्यानों का सम्मान, भक्ति और संकल्प से जुड़ा हुआ है।
जरूरी है तो, प्रभावित व्यक्तियन को याद भूतिक घटनें या भूतों के प्रभाव का अनुभव होता है, तो उनको किसी विश्वास व्यक्ति या स्थानिक अधिकारी से सलाह लेने की जरूरत होती है। व्यक्ति के व्यक्तित्व, मानसिक स्थिति, और वातवरन के परिधि पर भी अधिकार करना जरूरी होता है।
भूतों के अस्तित्व के बारे में किसी भी वैज्ञानिक प्रमाण तक पहुंचना बहुत मुश्किल है। वैज्ञानिक समुदाय विश्वास करता है कि जब तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं होता है, तब तक उस चीज़ का अस्तित्व सिद्ध नहीं किया जा सकता है। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भूतों का अस्तित्व विवादास्पद है और यह विशेष रूप से विश्वास पर आधारित होता है।
वैज्ञानिक समझदारी का सुझाव यही है कि हम उन घटनाओं और अनुभवों को जिसे हम भूतिया कहते हैं, वैज्ञानिक तरीके से समझने की कोशिश करें। अक्सर ऐसी घटनाएँ या अनुभव दिमाग की कुछ विशेषताओं, मानसिक प्रक्रियाओं, तथ्यों या सामान्य मिथकों के कारण हो सकते हैं। विज्ञान इन प्रक्रियाओं की व्याख्या करता है और उन्हें समझने का प्रयास करता है।
हालांकि, भूतों के अस्तित्व को लेकर अनेक लोग विश्वास रखते हैं और अपने अनुभवों को भूतिया या अतींद्रिय मानते हैं। यह विश्वास आधारभूत या धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हो सकता है और यह भूतों के प्रति मानसिक आवश्यकता, धार्मिकता, या आध्यात्मिकता की व्यक्ति की प्रतिक्रिया हो सकती है।
जिन लोगों को भूतों के अस्तित्व के बारे में विश्वास होता है, वे अपने विश्वास के आधार पर अपने जीवन में अलग-अलग भूत प्रेत से बचने या उनके प्रभाव को कम करने के उपाय अपना सकते हैं। यह सामाजिक और सांस्कृतिक परंपरा का हिस्सा हो सकता है जो किसी विशेष समुदाय के अंदर आपसी संबंध, विश्वास और मान्यताओं से जुड़ा होता है।
संक्षेप में कहें तो, भूतों का अस्तित्व वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वीकार्य नहीं है, लेकिन इसका व्यक्तिगत और सामाजिक महत्व विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में हो सकता है। यह व्यक्ति के विश्वास और सांस्कृतिक विचारधारा पर निर्भर करेगा।