GayaJi Pinddan@GAYADHAM --गयाजी पिण्डदान एवं श्राद्ध -- গয়াজি পিন্ড দান এবং পদ্মে -- ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣುಪಾದ ದೇವಸ್ಥಾನ, ಗಯಾ ಜಿ
पण्डित श्री सन्तोष आचार्य (गुपुत पंडा जी) - 9602670432/9472330322/8340538912
पण्डित श्री सन्तोष आचार्य (गुपुत पंडा जी) - 9602670432/9472330322/8340538912
आगामी 07/09/2025 से 21/09/2025 तक गया जी मे पितृ पक्ष मेला का शुभारंभ होने वाला है।
यदि आपके कोई पहचान वाले गया जी में पिण्ड दान पूजा के लिए आना चाहते हो तो हमे सम्पर्क जरूर करें। मेरे द्वारा स्वयं पिण्ड दान पुजा से संबंधित सारे कार्य करवाए जाते हैं। मेरा सम्पर्क सूत्र है 9602670432
पितृपक्ष में गया श्राद्ध या पिंड दान करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। भगवान से पहले पितृ का उल्लेख हमारे पुराणों में है। पितृ की शांति हमारा कर्त्तव्य होता है और शांति के लिए तर्पण, पिंड दान, श्राद्ध ही एकमात्र उपाय है।
पितृ दोष से पीड़ित जातक को गया श्राद्ध अवश्य: करना चाहिए। पितृ दोष का मतलब आपके पितृ आपसे रूठे हैं, उन्हे खुश करके उनकी शांति से ही पितृ शांत होते हैं। पितृ अगर शांत न हो तो इस्का पता ऐसा लगाया जा सकता है की घर में समस्या, स्वास्थ्य उचित ना रहना, कोई काम न बनना, शादी में समस्या आना, पैसे की तंगी।
ऐसे जातक को गया जी में पितृ पक्ष के महीने में गया श्राद्ध एवम वर्ष के किसी भी अन्य महीने में त्रिपिंडी श्राद्ध सहित गया श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।
पुराणों में विधिवत गया श्राद्ध का उल्लेख है |
पितरों के निमित घर से लाने वाली कुछ आवश्यक सामग्री (केवल गया श्राद्ध करने वालों के लिए लाना आवश्यक है)
घर से कुल देवी देवता के पास का मिट्टी, थोड़ी सी चावल (अक्षता), 25 kg या 5 के गुणांक मे गेहूं के आटा, 1 पानी वाला नारियल, खड़ी हल्दी, 5 सुपाड़ी, 5 पान के पत्ता, 3 सूती साड़ी रंगीन मे किसी भी रंग का, 3 धोती, (3 कुर्ता किसी भी रंग का , 3 बनियान, 3 कच्छा, 3 गमछा, 1 जोड़ी जूता 9 नंबर, 1 छाता), 5 मीटर सफेद सूती कपड़ा जिसकी कुर्ता बन सके, कुछ आभूषण सोने या चांदी के बने हुए जैसे नोजपिन, कान के टॉप्स,पायल, बिछिया, गले का चेन इत्यादि। आपकी इक्षा शक्ति के अनुसार। काजू 250 gm ,किसमिस 250 gm, बादाम 250 gm, मिठाई 1 kg, द्रव्य दक्षिणा 501/ या आपकी इक्षा के अनुसार
नोट : ऊपर में लिखे गए वाक्य जो अंडरलाइन किया गया है एवं काले शब्दों में लिखा है इसका पालन करना अनिवार्य है | कम या ज्यादा जो भी हो आप अपनी श्रद्धा से अपने पितरों को समर्पित करके इन सभी सामग्री के साथ अपने पितरो को गयाजी लेते आवे |
अति महत्व पूर्ण चीज केवल त्रिपिण्डी श्राद्ध या प्रेत बाधा या पितृ दोष निवारण पुजा करने वालों के लिए ऊपर लिखी हुई सामग्री के साथ साथ निचे लिखी हुई सामग्री को भी लाना अति आवश्यक है -
3 तांबे का बना हुआ कलश लोटा, 1 तुलसी माला 56 या 108 दाने का चांदी मे बना हुआ, 2 तुलसी माला 56 या 108 दाने मे ताम्बे मे बना हुआ, द्रव्य दक्षिणा 501/ या आपकी इक्षा के अनुसार
पितरों के आवाहन के लिए जरुरी बातें - केवल गया जी में पिण्ड दान करने आने वालो के लिए - जो अपने पितरों को गया जी में बैठाना चाहते है केवल उनके लिए पितरों का आवाहन करना जरुरी है -
घर से गया जी की यात्रा प्रारम्भ करने से एक दिन पूर्व पिण्ड दान कर्ता अपने बालों का मुण्डन करवा लें, यात्रा प्रारम्भ करने के कुछ मिनट पूर्व दक्षिण दिशा की ओर मुख कर के एवम खड़े होकर जो सामग्री आप घर से लेकर चल रहे हो उन सामग्री के कुछ भाग को एक पोटली में बाँध कर पित्रों को बोलना है की हमारे पितृ हमारे साथ गया जी की ओर चले |
नोट :
यदि आप असुविधा से बचना चाहते है तो हमे अपने आने की तारीख को अग्रिम सूचित करें साथ ही साथ हमारे दिए गए Bank Account के माध्यम से 10 % की राशि के साथ अग्रिम बुकिंग कर लें |
यदि आप हमारे आवास पर रुकते है तो वो पूर्ण निःशुल्क होगी |
पिण्ड दान @ फल्गू नदी
गया गदाधर घाट
प्रेतशिला
अक्षयवट (वट वृक्ष)
पिण्ड दान @ फल्गू नदी
त्रिपिण्डी श्राद्ध
एकोदृष्टि श्राद्ध
श्री विष्णुपद मन्दिर,गया जी,बिहार
प्रातः पूजा,अर्चना,मंगलआरती पण्डित श्री सन्तोष आचार्य जी के द्वारा, भगवान श्री हरि के कर कमलों में शमर्पित
শ্রী বিষ্ণুপদ মন্দির,গয়া জি,বিহার
ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣುಪಾದ ದೇವಸ್ಥಾನ, ಗಯಾ ಜಿ
श्रीविष्णुपद श्राद्ध
बौद्ध गया
रात्रि शयन आरती पूजा
प्रातः पूजा