Gaya Pinddan@GAYADHAM --गयाजी पिण्डदान एवं श्राद्ध -- গয়াজি পিন্ড দান এবং পদ্মে -- ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣುಪಾದ ದೇವಸ್ಥಾನ, ಗಯಾ ಜಿ

आगामी 17/09/2024 से 02/10/2024 तक गया जी मे पितृ पक्ष मेला का शुभारंभ होने वाला हैइस पितृ पक्ष मे लोग देश विदेश से अपने पितरों की मोक्ष की कामना हेतु लोग श्राद्ध कर्म एवम् तर्पण के लिए गया जी आना चाहते हैं। यदि आपके कोई पहचान वाले हो तो हमे सम्पर्क जरूर करें। मेरे द्वारा स्वयं पिण्ड दान पुजा से संबंधित सारे कार्य करवाए जाते हैं। मेरा सम्पर्क सूत्र है 9602670432/9955996427

पितृपक्ष में गया श्राद्ध या पिंड दान करने से हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। भगवान से पहले पितृ का उल्लेख हमारे पुराणों में है। पितृ की शांति हमारा कर्त्तव्य होता है और शांति के लिए तर्पण, पिंड दान, श्राद्ध ही एकमात्र उपाय है।

पितृ दोष से पीड़ित जातक को गया श्राद्ध अवश्य: करना चाहिए। पितृ दोष का मतलब आपके पितृ आपसे रूठे हैं, उन्हे खुश करके उनकी शांति से ही पितृ शांत होते हैं। पितृ अगर शांत न हो तो इस्का पता ऐसा लगाया जा सकता है की घर में समस्या, स्वास्थ्य उचित ना रहना, कोई काम न बनना, शादी में समस्या आना, पैसे की तंगी।

ऐसे जातक को गया जी में पितृ पक्ष के महीने में गया श्राद्ध एवम वर्ष के किसी भी अन्य महीने में  त्रिपिंडी श्राद्ध सहित गया श्राद्ध अवश्य करना चाहिए।

पुराणों में विधिवत गया श्राद्ध का उल्लेख है |

पिण्ड दान @ फल्गू  नदी

गया गदाधर घाट

                       प्रेतशिला

                        अक्षयवट (वट वृक्ष) 

               पिण्ड दान @ फल्गू  नदी

                      त्रिपिण्डी श्राद्ध

                         एकोदृष्टि  श्राद्ध 

             नारायणबलि श्राद्ध 

Shri Vishnupad

भगवान श्री विष्णु जी का पद चिन्ह

श्री विष्णुपद मन्दिर,गया जी,बिहार

प्रातः पूजा,अर्चना,मंगलआरती पण्डित श्री सन्तोष आचार्य जी के द्वारा, भगवान श्री हरि के कर कमलों में शमर्पित 

         শ্রী বিষ্ণুপদ মন্দির,গয়া জি,বিহার

shri Vishnu Pad chinh

   भगवान श्री विष्णु जी का पद चिन्ह

     ಶ್ರೀ ವಿಷ್ಣುಪಾದ ದೇವಸ್ಥಾನ, ಗಯಾ ಜಿ

श्रीविष्णुपद श्राद्ध 

बौद्ध गया 

रात्रि शयन आरती पूजा

                    प्रातः पूजा

गया जी मे आए हुए सनातन हिन्दू धर्मावलंबियों को पितृ दोष निवारण हेतु एवम् पूर्वजों की मोक्ष  हेतु 

त्रिपिंडी श्राद्ध, नारायण बलि श्राद्ध, एको दृष्टि श्राद्ध , गयाजी तीर्थ श्राद्ध, तर्पण, पार्वणश्राद्ध, नांदी श्राद्ध स्वयं मेरे द्वारा विधिवत करवाया जाता है।