हर कोई होली के रंग में दिख रहा है लेकिन सादात ब्लाक के भीमापार बाजार में ऐसा कुछ नहीं दिखा, क्योंकि यहां होली निर्धारित तिथि के एक दिन बाद मनाई जाती है। यहां होली शनिवार को मनाई जाएगी।
भीमापार में होली एक दिन बाद मनाने को लेकर कई किवंदतियां हैं लेकिन दो कारणों को बुजुर्ग बताते हैं। बताया जाता है कि पहले भीमापार बाजार में नृत्यांगनाओं का अड्डा था। होली वाले दिन यह नृत्यांगनाएं बड़े लोगों के घर पहुंचकर नाच-गाकर उनका दिल बहलाती थीं और अगले दिन होली मनाती थीं। तभी से यहां होली एक दिन बाद मनाई जाती है। हालांकि कुछ बुजुर्ग यह भी बताते हैं कि भीमापार बाजार में एक मंदिर है जहां एक साधु रहते थे। होली वाले दिन कुछ लोगों ने उनके ऊपर भी रंग फेंक दिया। इस पर साधु नाराज हो गए और श्राप दे दिया। तभी से भीमापार बाजार में होली वाले दिन होली न मनाकर एक दिन बाद मनाया जाता है। भीमापार बाजार में एक दिन बाद होली मनाने को लेकर और भी कई कारण बताए जाते हैं लेकिन इन दो कारणों को प्रमुख कारण माना जाता है। ऐसा नहीं है कि यहां होली का रंग दिखाई नहीं पड़ता है। एक दिन बाद लोग उसी उत्साह से होली खेलते हैं।बचपन से ही हम लोग एक दिन बाद होली मनाते हैं। बताया जाता है कि कोई साधु थे जिनके ऊपर लोगों ने रंग फेंक दिया। गुस्से में उन्होंने श्राप दे दिया। तभी से होली एक दिन बाद मनाया जाता है।बताया जाता है कि वर्षों पहले भीमापार में नृत्यांगनाओं का अड्डा रहता । होली वाले दिन वह बड़े लोगों के घर जाकर मुजरा कर लोगों का मन बहलाती थीं। अगले दिन होली मनाती थीं। तभी से यहां एक दिन बाद होली मनायी जाती है।