कण कण में नहीं भगवान, ये एक पवित्र भावना है (New Song)
(पहला श्लोक - First Verse)
कण कण में नहीं भगवान, ये एक पवित्र भावना है
दिल में रखो उसको सच्चे, हर जगह वो ही नज़र आए
(चरण - Chorus)
मन की आंखों से देख लो, अपना साथी उसे जानो
हर कर्म को उसे समर्पित, कर्मयोगी बनके जीवन जियो
(दूसरा श्लोक - Second Verse)
भगवान तो परम धाम निवास है, वो किसी कंकर में ना दिखेगा
पर श्रद्धा और विश्वास से, उसका अनुभव जरूर होगा
(चरण - Chorus)
मन की आंखों से देख लो, अपना साथी उसे जानो
हर कर्म को उसे समर्पित, कर्मयोगी बनके जीवन जियो
(पुल - Bridge)
कर्म करते हुए, फल की चिंता मत करना
सिर्फ अपना कर्तव्य निभाते रहना
(चरण - Chorus)
मन की आंखों से देख लो, अपना साथी उसे जानो
हर कर्म को उसे समर्पित, कर्मयोगी बनके जीवन जियो
(अंतिम भाग - Outro)
वो तुम्हारी रक्षा करेंगे, और सुख दे देंगे ज़िंदगी में
इसलिए रहो सदा सनातन, भगवान पर रखो विश्वास
कण कण में नहीं भगवान, ये एक पवित्र भावना है
दिल में रखो उसको सच्चे, हर जगह वो ही नज़र आए