Typhoid Fever, टायफॉइड बुखार भ्रम और सत्य निदान: विडाल टेस्ट बहुत कॉमन टेस्ट है । गांव तक में इस टेस्ट का नाम आम लोगों को पता है। लेकिन विडाल टेस्ट के विषय में आम लोगों को बहुत गलत धारणाएं हैं। जिन्हें मैं आज तोड़ देता हूँ। पहले तो यह समझ लें क़ि विडाल टेस्ट नार्मल(नेगेटिव) होने का अर्थ टाइफाइड का न होना नहीं। साथ ही पॉजिटिव होने का अर्थ भी टाइफाइड ही है नहीं। अर्थात विडाल टेस्ट की एक रीडिंग मात्र डॉक्टर को निर्णय लेने में मददगार हो सकती है लेकिन उसे और भी बातों का ध्यान रखना होगा साथ ही टाइफाइड होने पर चार दिन के बाद ही विडाल के पॉजिटिव आने की संभावना होती है। एक बार विडाल पॉजिटिव होने पर महीनों तक पॉजिटिव रह सकता है भले टाइफाइड कीटाणु शरीर से पूरी तरह ख़त्म हो गया हो। कुछ लोग जो बार बार टाइफाइड टेस्ट करा के ये भ्रम पाले होते हैं क़ि मेरा टाइफाइड ठीक ही नहीं होता इस तथ्य की अनभिज्ञता से ऐसा करते हैं। टाइफाइड टेस्ट बार बार नहीं करना है। रक्त कल्चर सबसे भरोसे मंद जांच है जिसमे मरीज़ के थोड़े से ब्लड को लेकर साल्मोनेला के पसंदीदा माहौल में उसे रखा जाता है। और 2 से 5 दिन के बीच उसकी ग्रोथ देखी जाती है। आम तौर पर यह मात्र भर्ती मरीजों में ही किया जाता है। एक मलेरिया किट जैसी टाइफाइड किट की जांच भी उपलब्ध है लेकिन यह भी पूर्णतः विश्वसनीय नहीं। महत्वपूर्ण बात विडाल टेस्ट मलेरिया जैसी अन्य बीमारियों में भी पॉजिटिव हो सकता है और चिकित्सक को गहराई से न पता हो चिकित्सक भी भ्रमित हो सकता है। #परहेज़ अंत में ...टाइफाइड होने पर खानपान में कुछ ख़ास परहेज़ की कोई आवश्यकता नहीं। दाल,चावल,सब्ज़ियां, रोटी, दूध,दही,फल सब ले सकते हैं। ये सारी परहेज़ का आधुनिक विज्ञान में कोई स्थान नहीं। बीमार होते शरीर में बीमारी से लड़ने कैलोरी ,प्रोटीन,विटामिन्स की बेहद ज़रूरत है। भूख कम हो चुकी होती है ऐसे में बेस्वाद उबला खाना उसे खाने से और दूर कर सकता है। बच्चा या मरीज़ ज़ैसे स्वाद पसंद करे उसे दें।
Dr RK THAKUR MANALI