NOW STERILE CAN BECOME MOTHER.
A happiness towards a family.......AVETA IVF gaya Bihar
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Dr Rupashree purushottam :- +916203442138/7909034935
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क्या है आईवीएफ़ तकनीक ? ( IVF in hindi)
इस प्रक्रिया का प्रयोग पहली बार 1978 में इंग्लैंड में किया गया था। आईवीएफ़ ट्रीटमेंट के दौरान लेब में कुछ नियंत्रित परिस्थितियों में महिला के एग्स और पुरुष के स्पर्म को मिलाया जाता है। जब संयोजन से भ्रूण बन जाता है तब उसे वापस महिला के गर्भाशय में रख दिया जाता है।
इस प्रक्रिया महिला के अंडो को शरीर से बाहर निकल कर लैब में हर परिपक्व अंडे के केंद्र में एक शुक्राणु को इंजेक्ट किया जाता है जिससे भ्रूण बन जाता है जिसे बाद में महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
अपने पेट में दूसरे का बच्चा पालने वाली महिला को सरोगेट मदर कहा जाता है. ट्रेडिशनल सरोगेसी- इस तरह की सरोगेसी में होने वाले पिता या डोनर का स्पर्म सरोगेट मदर के एग्स से मैच कराया जाता है. फिर डॉक्टर कृत्रिम तरीके से सरोगेट महिला के कर्विक्स, फैलोपियन ट्यूब्स या यूटेरस में स्पर्म को सीधे प्रवेश कराते हैं.
आईयूआई ट्रीटमेंट के दिन मेल पार्टनर को अपने वीर्य का सैंपल देना होता है। वीर्य के सैंप को लैब में प्रोसेस किया जाता है और फिर महिला के गर्भाशय में इसे डाल दिया जाता है। इसके बाद 14 दिनों तक महिला को दवा दी जा सकती है जिसके बाद एचसीजी टेस्ट से प्रेग्नेंसी को कंफर्म किया जाता है।