"ज्योतिष" - एक मार्गदर्शक विज्ञानं है जो प्रारब्ध एवं जन्मांतरीय शुभ - अशुभ का ज्ञान कराकर भविष्य को उज्जवल बनाने की दृष्टि प्रदान करता है तथा वर्तमान को सुधारने का परामर्श देता है |
यह प्रारब्ध वश प्राप्त का सदुपयोग करते हुए , धर्म अनुसार सन्मार्ग पर चलते हुए , ग्रहों का आराधन , सत् नाम का आश्रय लेकर कल्याणकारी पुरुषार्थ करते हुए जीवन को मंगलमय ,सुखमय बनाने का मार्ग प्रशस्त करता है |
ज्योतिष एवं कर्मकांड के क्षेत्र में पंडित विकास उपाध्याय एक विशिष्ट एवं जाना पहचाना नाम है पारिवारिक परंपरा से बाल्यकाल से ही रुझान आध्यात्मिकता की ओर रहा | पूज्य गुरुदेव डॉ. गोरांग जी पानेरी एवं श्री देशबंधु जोशी तथा विद्वज्जनो के आशीर्वाद स्वरूप प्राप्त ज्ञान से निरंतर ज्योतिष एवं कर्मकांड के क्षेत्र में उपलब्धियां अर्जित की |
प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्थर तक की शिक्षा स्थानीय स्थर पर प्राप्त की संस्कृत साहित्य में स्नातकोत्तर उपाधि मोहन लाल सुखाडिया विश्विधायालय से प्राप्त की| विध्यालयी शिक्षा के साथ ही गुरु परंपरा अनुसार ज्योतिष एवं कर्मकांड का प्रायोगिक अनुभव भी मिलता रहा|
ज्योतिष के क्षेत्र में विशेष योग्यता के लिए राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान. जयपुर से ज्योतिष विषय में आचार्य उपाधि प्राप्त की |
इन सबके साथ ही सामाजिक संगठनों में भी भागीदारी होकर समाज सेवा से जुड़े है| विप्र फाउंडेशन ज्योतिष एवं कर्मकांड प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पर पर नियुक्त होकर सोद्देश्य पूर्ण कार्यो से जुड़े हुए है | वर्तमान में गुर्जर गौड़ ब्राह्मण युवक संघ , चित्तोडगढ के ज्योतिष एवं संस्कार जिला मंत्री पद पर भी अपनी सेवाएँ दे रहे है |
7 वर्ष की आयु से ही निरंतर धार्मिक शास्त्रोक्त एवं वैदिक अनुष्ठानो को सम्पादित करते हुए आज भी अपने अनुभव एवं ज्ञान में नए आयामों को जोड़ते जा रहे है | ज्योतिष ज्ञान के आधार पर जन्म कुंडली के सटीक विश्लेषण द्वारा विभिन्न समस्याओं से घिरे व्यक्तियों को सुगम निदान उपलब्ध करवा रहे है | जिस से उन सभी को कल्याणकारी जीवन की दिशा प्राप्त हुई है |
सभी प्रकार के वैदिक एवं शास्त्रोक्त कर्मकांड, पूजन , हवन , अभिषेक, विवाह , ग्रहशांति , अनुष्ठान , जप , पाठ आदि समस्त कार्यो को पूर्ण विधि विधान के साथ सम्पादित किया जाता है |