By चन्द्रकान्त मिश्र | Published on 24/06/2022
अगर आप कहीं नौकरी या जॉब करते हैं तो छुट्टी भी मिलती होगी। कुछ छुट्टियां आपको अपने आप मिलती हैं, कुछ आपको जरूरत पर लेनी पड़ती हैं। वीकली ऑफ, कैजुअल लीव (CL), मेडिकल लीव, Earned leave (EL), मैटरनिटी लीव, वगैरह कुछ ज्यादा प्रचलित छुट्टियों के नाम हैं। अलग-अलग तरह की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग तरह की छुट्टियां लेने के नियम हैं। उनकी न्यूनतम और संख्या निर्धारित हैं? छुट्टियों पर पैसा मिलने या न मिलने के भी नियम हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि कैजुअल लीव क्या होती है? अर्न्ड लीव क्या होती है? मेडिकल लीव क्या होती है? मैटरनिटी लीव और पैटरनिटी लीव क्या होते हैं? कौन सी छुट्टी कब मिल सकती है? और कितनी मिल सकती है? साथ ही छुट्टियों से जुड़े जरूरी नियमों और तथ्यों को भी साझा करेंगे। What are CL, EL, PL etc in Hindi. Also about sick leave, Maternity leave, Paternity leave rules in Hindi.
पूरा लेख एक नजर में
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अगर आपको अचानक किसी ऐसे कारण से छुट्टी लेना पड़ जाए, जिस कारण के बारे में आपको पहले से कोई जानकारी या सूचना नहीं हो। जिसके बारे में आप अपनी कंपनी या दफ्तर को सूचना नहीं दे पाए हों तो उसे Casual Leave
या आकस्मिक अवकाश कहते हैं। किसी व्यक्तिगत कारण (personal reasons) से भी अचानक एक-दो दिन की छुट्टी लेना भी इसी कैटेगरी में आता है। संक्षेप में इसे CL कहते हैं। लेकिन, ध्यान रहे ये छुट्टी सिर्फ आपकी अचानक समस्या या व्यस्तता के कारण ले जानी चाहिए। फुरसत में छुट्टियों मनाने (vacation) या आनंद के लिए नहीं।
इन छुट्टियों को लेने पर पहले या बाद में, इसकी सूचना अपने संस्थान को दी जानी चाहिए और छुट्टी स्वीकृत होने की मंजूरी भी ली जानी चाहिए। कैजुअल लीव का पैसा, आपकी कंपनी या संस्थान की ओर से मिलता है। Casual Leaves की अन्य विशेषताएं इस प्रकार होती हैं-
आधे दिन से 3 दिन तक की CL मिल सकती है
सामान्यत: कंपनियां एक महींने में आधे दिन (half a day) से लेकर अधिकतम 3 कैजुअल लीव (CL) तक की मंजूरी देती हैं। इससे अधिक छुट्टियों की जरूरत पड़ने पर earned leave (EL) या privileged leave (PL) के रूप में छुट्टी मिल सकती हैं। लेकिन CL एक महीने में अधिकतम 3 ही ली जा सकती हैं। उसमें भी अगर इकट्ठा 3 दिन की CL ले रहे हैं तो संस्थान से मंजूरी लेना जरूरी होता है।
दुकानों कर्मचारियों के लिए 6 दिन की CL मिल सकती है
लेकिन, अगर आप किसी दुकान या स्टोर में काम करते हैं तो आप हर महीने 6 दिन तक की casual leave लेने के हकदार होते हैं। लेकिन, यह नियम तभी लागू होगा, जबकि वह दुकान या संस्थान Shops and Establishment Act के तहत काम कर रहा हो।
अगले साल नहीं ले सकते बाकी रह गई CL
अगर किसी साल आपकी Casual leaves बची रह जाती हैं और आप उन्हें नहीं ले पाते हैं, तो उन्हें अगले साल नहीं लिया जा सकता। बिना इस्तेमाल वाले सारे CL अपने आप उसी साल खत्म (expire) हो जाती हैं।
छूटी CL के बदले पैसा नहीं ले सकते
इनके बदले में आपको किसी तरह का पैसा या मुआवजा भी नहीं मिलता।
EL या सिक लीव में नहीं मिलाया जा सकता
Casual leaves को earned leaves या sick leaves के साथ मिलाया (Clubbed) नहीं जा सकता।
बीच में नौकरी शुरू करने पर साल के बाकी समय के हिसाब से मिलेंगी
नए कर्मचारियों के लिए या फिर बीच साल में नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारी के लिए, casual leaves काम के दिनों के अनुपात में मिलती हैं। जैसे कि आपने 1 जुलाई को नई कंपनी ज्वाइन की। तो आपको उस बचे हुए आधे साल के दौरान (31 दिसंबर तक), आधी संख्या में Casual Leave लेने का अधिकार होगा।
EL का फुल फॉर्म होता है, Earned leaves और PL का फुल फॉर्म होता है- Previledge Leave। जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि Earned leaves या Previledge Leave , किसी कर्मचारी की ओर से काम करने के बदले में, अर्जित की गई छुटि्टयां होती हैं। लंबी अवधि के कामों, जैसे कि, यात्रा, भ्रमण वगैरह के लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।
अक्सर लोग, privilege leaves और earned leaves को लेकर कन्फ्यूज रहते हैं। क्योंकि, दोनों का तरीका और उद्देश्य लगभग एकसमान होते हैं। दोनों के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार है-
फैक्टरियों और कंपनियों में मिलती है EL: अगर आप किसी फैक्टरी में काम करते हैं, तो फिर आपको अपनी ड्यूटियों के बदले में, अर्जित अवकाश ( earned leaves) या EL मिलता है। ऐसे कर्मचारियों को हर 20 दिन की ड्यूटियों के बदले में, 1 earned leave मिलती है। यानी कि साल भर में 18 EL तक मिल ,सकती हैं।
दुकानों और प्रतिष्ठानों में मिलती है PL: आप किसी दुकान या ऐसे संस्थान में काम करते हैं, जोकि Shops and Establishments Act के तहत स्थापित किया गया है तो फिर, तो फिर आपको अपनी ड्यूटियों के बदले में, privilege leaves या PL मिलता है। ऐसे कर्मचारियों को हर चार महीने काम के बदले में, 5 privilege leaves मिलती है। यानी कि साल भर में 16PL तक मिल ,सकती हैं।
EL या PL से संबंधित अन्य नियम इस प्रकार हैं-
किसी एक साल (calendar year) के दौरान 240 दिन से ज्यादा काम करने पर, कर्मचारी को earned leaves (EL) लेने का अधिकार होता है।
Eearned leaves की गणना, महीने के महीने होती है। कोई भी साल शुरू होने पर इनकी गणना शुरू हो जाती है और ये leave account में चढ़ने लगती हैं। लेकिन, ये छुटि्टयां कितनी संख्या में मिलेंगी ये आपके काम के महीनों की संख्या पर भी निर्भर करता है। हर एक महीने काम के बदले में 1.25 leave, कर्मचारी के leave account में दर्ज हो जाती हैं।
अगर कोई कर्मचारी, साल के बीच में नौकरी ज्वाइन करता है या नौकरी छोड़ता है तो, उस साल के दौरान, जितने महीने बचे होते हैं, उनके अनुपात में, EL छुट्टियां कम हो जाती हैं।
अगर, कोई कर्मचारी, किसी साल की earned leaves को नहीं ले पाता है तो उन्हें carried forward करके अगले साल में ले जा सकता है। हालांकि, कोई कर्मचारी, कितनी EL earned leaves कैरी फारवर्ड कर सकता है, यह उस राज्य में लागू नियमों पर निर्भर करता है।
किसी एक साल में ज्यादा से ज्यादा 30 EL छुट्टियां इकट्ठा की जा सकती है। लेकिन, Shops and Establishment Act, के तहत स्थापित संस्थाओं के कर्मचारियों को 45 से 60 तक PL छुट्टियां इकट्ठा करने की भी छूट दी गई है।
बगैर इस्तेमाल हुई EL छुट्टियों के बदले में पैसा मिल जाता है। EL के बदले मिलने वाले पैसे की गणना करने का फॉर्मूला इस प्रकार है-
Amount encashed for leaves = monthly gross salary * accumulated encashable leaves / 22
हिंदी में यह फॉर्मूला इस प्रकार होगा-
छुट्टियों के बदले मिलने वाली रकम= मासिक वेतन* कुल बची हुई छुट्टियां/22
नौकरी के दौरान, आपको छुट्टियों के बदले में जो भी पैसा मिलता है, वह पूरी तरह से taxable होता है, यानी कि उसे टैक्स की गणना में शामिल किया जाएगा। लेकिन, रिटायरमेंट के दौरान, जो भी leave encashment का पैसा मिलता है, वह पूरी तरह से टैक्सफ्री होता है।
बीमारी के कारण अगर आप काम पर नहीं जा पाते हैं तो चिकित्सा अवकाश (Medical leave) या रुग्णता अवकाश (Sick leave) ली जा सकती है। इससे संबंधित नियम इस प्रकार हैं-
हर 7 दिनों तक काम करने के बदले आधी (0.5) मेडिकल लीव ली जा सकती है।
अगर साल के दौरान आप सिक लीव नहीं लेते हैं तो उसके बदले में आप पैसा (encashment) नहीं ले सकते। इन्हें अगले साल के लिए बढवा (carry-forwards) भी नहीं सकते। जैसे ही साल पूरा होता है, आपकी सिक लीव अपने आप खत्म (lapse) हो जाती हैं।
कंपनी की लीव पॉलिसी के अनुसार, 2 या 3 से ज्यादा मेडिकल लीव लेने पर आपको medical certificate देना होता है।
सिक लीव को Earned Leave के साथ जोड़ा जा सकता है। नई ज्वाइनिंग वाले या बीच में नौकरी छोड़ने वाले कर्मचारियों के लिए, उस साल बचे हुए समय के हिसाब से sick leave कम हो जाती हैं।
ऊपर बताई गई छुट्टियों के अलावा, कुछ अन्य प्रकार की छुट्टियां भी कर्मचारियों को मिलती हैं, उनका परिचय भी हम यहां करवा रहे हैं।
भारत में, Maternity Benefits Act, 1961 के मुताबिक, महिला कर्मचारियों को 12 हफ्ते (84 दिन) का मातृत्व अवकाश (maternity leave) देने का नियम है। इस दौरान का वेतन भी नहीं कटता। इन 12 हफ्तों में से 6 हफ्ते की छुट्टी डिलिवरी की तारीख के बाद ली जा सकती है।
मातृत्व अवकाश का लाभ पाने का अधिकार सिर्फ उन महिला कर्मचारियों को होगा, जोकि, संभावित डिलिवरी की तारीख के पहले के 12 महीनों में, कम से कम 80 दिनों तक काम कर चुकी हो।
गर्भपात होने पर या स्वास्थ्य समस्याओं के कारण, गर्भ गिराने की स्थिति में भी, महिला कर्मचारी को 6 हफ्ते (42 दिन) का मातृत्व अवकाश पाने का अधिकार होता है।
गर्भ या प्रसव से जुड़ी कोई जटिल समस्या होने पर, 1 महीने की अतिरिक्त paid leave भी लेने का अधिकार है। जैसे कि, अविकसित बच्चे का जन्म, गर्भस्राव, tubectomy operation वगैरह होने पर।
डिलिवरी की संभावित तारीख से 10 हफ्ते पहले से ही महिला कर्मचारी से कोई कठिन काम नहीं लिया जा सकता। ऐसा काम, जिससे कि महिला के स्वास्थ्य पर, या उसके गर्भ को नुकसान पहुंचता हो, ऐसे काम पर नहींं लगा सकते।
भारत में सरकारी पुरुष कर्मचारियों को, भी बच्चा होने पर पितृत्व अवकाश (Paternity Leave) मिलता है। प्राइवेट सेक्टर के लिए ऐसा कोई अनिवार्य नियम नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को सुविधा देती हैं। कंपनी के नियम के अनुसार, यह छुट्टी वेतन के साथ या बगैर वेतन भी हो सकती है।
पितृत्व अवकाश देने वाली कुछ कंपनियों के नाम इस प्रकार हैं—
माइक्रोसॉफ्ट: 12 हफ्ते का पितृत्व अवकाश
फेसबुक: 17 हफ्ते का पितृत्व अवकाश
डिलॉयट: 16 हफ्ते का पितृत्व अवकाश
स्टारबक्स : 12 हफ्ते का पितृत्व अवकाश
टीसीएस : 15 दिन का पितृत्व अवकाश
इन्फोसिस: 5 दिन का पितृत्व अवकाश
केंद्रीय सरकार की सेवाओं में कार्यरत, पुरुष सिविल सर्वेंट्स को 15 दिन का पितृत्व अवकाश मिलता है। बच्चे के जन्म के पहले या बाद में 6 महीने के भीतर यह छुट्टियां ली जा सकती हैं। इन छुट्टियों का उन्हें पैसा भी मिलता है। लेकिन, 2 या इससे कम बच्चों वालों को ही यह छुट्टी मिल सकती है।
1 साल से कम उम्र का बच्चा गोद लेने पर भी पितृत्व अवकाश लेने का अधिकार होता है। पितृत्व अवकाश काे अन्य प्रकार की छुट्टियों के साथ मिलाकर भी लिया जा सकता है। लेकिन, पितृत्व अवकाश के कारण, किसी अन्य प्रकार की छुट्टियों में, कटौती नहीं की जा सकती।
अगर आपके पास ऊपर बताई गई छुट्टियों में से किसी भी प्रकार की छुट्टी लेने का अधिकार नहीं बचा है तो, आप बिना वेतन वाली छुट्टी (Leave without pay) ले सकते हैं। कुछ संस्थान, ऐसी छुट्टियों को, बाद में मिल सकने वाली छुट्टियों से एडजस्ट करने की भी सुविधा देते हैं।
भारत में कुल 3 राष्ट्रीय त्योहार हैं-
गणतंत्र दिवस (Republic Day)-26 जनवरी
स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)-15 अगस्त
गांधी जयंती -2 अक्टूबर
सभी राष्ट्रीय त्योहारों पर, सरकारी और प्राइवेट संस्थाएं बंद रखी जाती हैं। इन अवकाशों का पैसा भी नहीं काटा जाता। इनके अलावा, राज्यों को कुछ त्योहारों पर भी छुट्टियां देने का अधिकार है। कंपनियां अपने हिसाब से भी इनके लिए नियम बना सकती हैं।