दसवीं कक्षा द्वितीय भाषा
सुमित्रानंदन पन्त परिचय : सुमित्रानंदन पन्त का जन्म कुर्मांचल प्रदेश के अल्मोड़ा जिला के अंतर्गत कौसानी ग्राम में सन 1900 ई. में हुआ था | इनके माता-पिता ने बचपन में इनका नाम गुसाईं दत्त रखा था | इनके ‘कला’ और ‘बूढ़ा चाँद’ पर साहित्य अकादमी, ‘लोकायतन’ पर सोवियत और ‘चिदम्बरा’ पर ज्ञानपीठ पुरूस्कार प्राप्त हुए | पन्तजी ने सुन्दरम के कवि के रूप में अपना साहित्यिक जीवन शुरू किया | इनकी शुरुवाती रचनाओं ‘वीणा’, ‘ग्रंथि’, ‘पल्लव’, और ‘गुंजन’ में इन्होने प्रकृति के विभिन्न रूपों का सुन्दर अभिनन्दन किया है | इनकी मृत्यु 21 दिसम्बर, 1977 को हुई |
रामाधारी सिंह दिनकर परिचय : हिन्दी के सुविख्यात कवि रामाधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर 1908 ई. में सिमरिया, ज़िला मुंगेर (बिहार) में एक सामान्य किसान रवि सिंह तथा उनकी पत्नी मन रूप देवी के पुत्र के रूप में हुआ था। रामधारी सिंह दिनकर एक ओजस्वी राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत कवि के रूप में जाने जाते थे। उनकी कविताओं में छायावादी युग का प्रभाव होने के कारण श्रृंगार के भी प्रमाण मिलते हैं। ’उर्वशी’ कृति के लिए इन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रेणुका, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतीक्षा, रसवंती आदि इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं। प्रस्तुत कविता उनकी प्रसिद्ध रचना ’कुरुक्षेत्र’ से ली गयी है।उनका निधन सन 1974 में हुआ।
प्रेमचंद परिचय ; प्रेमचंद का जन्म एक ग़रीब घरने में काशी में 31 जुलाई 1889 को हुआ । इनके बचपन का नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। इन्हों ने ट्यूशन पढाते हुए मैट्रिक तथा नौकरी करते हुए बी.ए. पास किया। इन्होंने लगभग एक दर्जन उपन्यास और ढाई सौ कहानियों की रचना की इन्हें "उपन्यास सम्राट" भी कहा जाता है। इनकी कहानियाँ मानसरोवर शीर्षक से आठ खंदों में संकलित हैं। गोदान, गबन, सेवासदन, निर्मला, कर्मभूमि, रंगभूमि, कायाकल्प, प्रतिज्ञा, मंगलसूत्र आदि इनके प्रमुख उपन्यास हैं। इनकी कहानियाँ में पंचपरमेश्वर, बड़े घर की बेटी, कफ़न आदि उनका निधन सन 1936 में हुआ।
रंगा रेड्डी जिल्ला.