विभास चन्द्र वर्मा

एसोशियेट प्रोफेसर,

हिन्दी विभाग

देशबन्धु कॉलेज

विशेषज्ञता-

  • आधुनिक हिन्दी साहित्य,

  • लोकप्रिय साहित्य,

  • साहित्य का इतिहास

विभास चन्द्र वर्मा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से हिन्दी विषय में स्नातक (प्रतिष्ठा) और स्नातकोत्तर परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान पाकर उत्तीर्ण की हैं जिसके लिए उन्हें ‘सावित्री सिन्हा स्मृति स्वर्ण पदक’ तथा ‘मैथिलीशरण गुप्त पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने ‘हिन्दी साहित्य की संवेदना के बदलाव में प्रतीक पत्रिका की भूमिका’ विषय पर अपना लघु शोध-प्रबंध लिखा। वे देशबन्धु कॉलेज में 2001 से अध्यापन कर रहे हैं। हिन्दी प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका ‘कथादेश’ में कई वर्षों तक ‘लोकवृत्त’ नामक स्तंभ लिखा, जिसमें हिन्दी की साहित्यिक पत्रिकाओं में प्रकाशित सामग्री की विवेचना की जाती थी। वे हिन्दी की मानक पत्रिका ‘हंस’ के सम्पादन-मंडल के 7 वर्षों तक (2013-2020) सदस्य रहे हैं। ‘हंस के विमर्श’ नामक पुस्तक का (2 खंडों में) सम्पादन किया है। इसके अतिरिक्त विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनकी समीक्षाएँ और शोध-आलेख प्रकाशित हुए हैं। वे 2009 से 2014 तक हिन्दी अकादमी दिल्ली की संचालन समिति के सदस्य रहे हैं। उन्होंने 2009 में जर्मनी के हाइडेलबर्ग विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में भाग लिया और पर्चा पढ़ा , इसी वर्ष जर्मनी के त्यूबिंगन विश्वविद्यालय में आयोजित सेमिनार में भी प्रपत्र प्रस्तुत किया। 2017 में उन्होंने एडम मीस्केविज़ विश्वविद्यालय, पोज़्नान, पोलैंड के ओरियंटल स्टडीज़ विभाग में आमंत्रित व्याख्यान दिया और एक कार्यशाला का संचालन किया। इसी वर्ष व्रत्स्वाफ़ विश्वविद्यालय, पोलैंड के इडोलॉजी विभाग तथा जाग्येलोनियन विश्वविद्यालय, क्राकोव, पोलैंड में लोकप्रिय साहित्य पर व्याख्यान दिया। वे ‘यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ़ साउथ एशियन स्टडीज़’ के सदस्य हैं और उन्होंने 2021 में इस एसोशिएशन की विएना काँग्रेस के लिए एक प्रपत्र प्रस्तुत किया है।

Profile-

https://www.deshbandhucollege.ac.in/uploads/Resume/Hindi/Vibhas%20performa%20update.pdf