URL की फुल फॉर्म Uniform Resources Locator है। यूआरएल को सन् 1994 में Tim Bernese-Lee ने define किया था और यूआरएल case-sensitive होते हैं अथार्त इसमें हमें lower case तथा upper case का ध्यान रखना पड़ता है। यह इंटरनेट पर किसी भी संसाधन का पता देने के लिए स्टैंडर्ड तरीका है।
URL यह किसी विशिष्ट फाइल, डायरेक्टरी या वेबसाईट के पेज का एक एड्रेस होता है। जैसे – http://techthesunrise.com इसे URL भी कहा जाता है। आमतौर पर वेबसाईट का एड्रेस वेब साइट के होम पेज को रिप्रेजेंट करता है। किसी भी वेबसाईट का एड्रेस प्रोटोकॉल, डोमेन नेम के साथ आरंभ होता है और डोमेन कोड के साथ समाप्त होता है। क्योंकि हम यूआरएल वर्ड का use अधिकतर internet use करते समय करते है तो सिर्फ world wide web पर ही यूआरएल होता है यह कहना सही नहीं होगा क्योंकि URLs किसी local network resource पर भी पॉइंट कर सकता है जैसे- database, locally होस्ट website आदि।
यह इंटरनेट में किसी वेबसाईट या वेब पेज को access करने के लिए यूआरएल का प्रयोग वेब ब्राउजर के द्वारा किया जाता है।
सामान्यतः URL तीन भागो से मिलकर बना होता है जो कुछ इस प्रकार है -
सबसे पहला एक Protocol Identifier होता है जो यह बताता है की कोनसा प्रोटोकॉल इस्तेमाल हो रहा है।
दूसरा भाग एक Domain name होता है जो यह बताता है की कोनसे सर्वर से डाटा यानी resource लाना है।
तीसरा भाग डॉक्यूमेंट का path और नाम बताता है।
जैसे - http://www.yahoo.com में http हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल है । जिसका उपयोग कर वर्ल्ड वाइड वेब पर yahoo.com नामक वेबसाइट पर जा सकते हैं ।