फ़्रैंक्लिन, न्यू जर्सी में हिन्दी दिवस
गत 29 सितम्बर का दिन हिंदी संगम फ़ाउंडेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण था। उस दिन दर्जनों भारत वंशी अपने बच्चों के साथ केंडल पार्क, फ़्रैंक्लिन स्थित भारत सेवाश्रम सभागृह में 'हिन्दी दिवस' समारोह मनाने के लिए उपस्थित हुए। समारोह का मुख्य उद्देश्य हिंदी शिक्षार्थियों की भाषा शिक्षण प्रक्रिया में निरंतरता बनाए रखना और हिंदी के प्रयोग के प्रति उन्हें जागरूक बनाना था। समारोह दिन 11 बजे प्रारंभ हुआ जिसमें संगम-फ़्रैंक्लिन स्टारटॉक कार्यक्रम के बच्चे अपने माता पिता के साथ शामिल हुए। हिंदी संगम फ़ाउंडेशन की तरफ़ से स्थानीय फ़्रैंक्लिन हाई स्कूल में सन 2016 से ही ग्रीष्म क़ालीन स्टार टॉक कार्यक्रम का आयोजन होता रहा है । इस वर्ष लगभग 50 माध्यमिक और उच्च विद्यालयों के छात्र-छात्राएँ हिंदी बोलने, लिखने और पढ़ने का अभ्यास करने के लिए तीन सप्ताह तक चले कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जिसके दौरान भारत की अनेक कहानियों के माध्यम से हिंदी सिखने के लिए अनेक गतिविधियों का संचालन किया गया।
समारोह का उद्घाटन करते हुए हिंदी संगम फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष और संगम-फ़्रैंक्लिन स्टारटॉक हिन्दी शिविर के निदेशक अशोक ओझा ने राजभाषा के रूप में हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत सरकार ने राजभाषा के रूप में देवनागरी लिपि में लिखी जाने वाली हिन्दी को अपनाया है। ‘सन 1949 में ही हिंदी को भारत सरकार की राजभाषा का दर्जा प्रदान किया गया था, जिसे भारतीय संविधान द्वारा अनुमोदित किया गया।अनेक कारणों वश हिंदी के साथ अंग्रेज़ी भी राजभाषा के रूप में चलती रही । हिन्दी को राजभाषा के रूप में सम्मानित करने के लिए अनेक नेताओं, लेखकों और कवियों ने वर्षों कार्य किया। उनके सतत प्रयत्नों का ही नतीजा है कि आज विश्व भर में हिंदी का प्रयोग बढ़ रहा है।’
'हिन्दी दिवस' प्रति वर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। भारत सरकार के अधीन कार्य करने वाली संस्थाओं में हिन्दी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए 'हिन्दी दिवस' समारोह आयोजन किये जाते हैं। इस अवसर पर संस्थाएं अपने कर्मचारियों को सम्मानित भी करती हैं, जो दैनिक कार्यों में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग करते हैं। स्टारटॉक शिक्षिका अंजु राय, संगीता जैन, अखिला शेखर और सीमा वशिष्ठ ने उपस्थित शिक्षार्थियों को अपने हिंदी ज्ञान का प्रदर्शन करने के लिए आमंत्रित किया । नलिन उनियाल, विभव और विष्णु शर्मा ने हिंदी में लिखी अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं, वहीं नलिन उनियल, आयुष रस्तोगी, हैया सोलंकी ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं । उपस्थित माता पिता ने स्टारटॉक कार्यक्रम की विशेषताओं की सराहना करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम से बच्चों की हिंदी प्रवीणता में सुधार होता है, साथ ही वे भाषा शिक्षण की ज़रूरतों को पहचान पाते हैं। इस वर्ष संगम-फ़्रैंक्लिन स्टारटॉक कार्यक्रम के प्रारम्भ और अंत में उनकी भाषा क्षमता का आकलन करने के लिए 'अमेरिकन कौंसिल ऑन टीचिंग फॉरेन लैंग्वेज' द्वारा भाषा प्रवीणता आकलन परीक्षा आयोजित की गयी जिसमें 38 बच्चों ने भाग लिया। इन परीक्षाओं में शामिल विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गए।शिक्षिका सीमा वशिष्ठ ने इंदौर शहर में दर्शनीय स्थलों के बारे में बच्चों को बताया। उन्होंने कहा कि इंदौर भारत के सर्वाधिक साफ़ सुथरे नगरों में शामिल है, वह भारत का हृदय है जहाँ अनेक सांस्कृतिक स्थल दर्शकों का मन मुग्ध कर लेते हैं। शिक्षिका अखिला शेखर ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया । समारोह के अंत में भारतीय भोजन परोसा गया।