इत्युक्ताः सीतया घोरा राक्षस्यः क्रोधमूर्छिताः। काश्चिज्जग्मुस्तदाख्यातुं रावणस्य तरखिनः ॥१॥
सीता की ये बातें सुन वे राक्षसी बहुत कुपित हुई और उनमें से कोwww.ramayankavy.in/2021/04/valmiki-ramayan-sunderkand-sarg-27.html ई कोई तो इन बातों को कहने के लिये बलवान् रावण के पास चली गयीं ॥१॥ और जो रह गयीं वे भयङ्कररूप वाली राक्षसियां सीता के पास जा पूर्ववत् कठोर और बुरे बुरे वचन कहने लगीं ॥२॥
Sister and Brother off America सिस्टर एंड ब्रदर ऑफ अमेरिका, अमेरिका के भाइयों और बहनों 7000 लोग मंत्रमुग्ध रह गए थे कोई जादू देख लिया हो जैसे ईश्वर की आवाज सुनी हो गई स्वामी विवेकानंद ने कुछ कहा ही नहीं था अब कहने वाले थे कि 5 शब्द इतने मर्मस्पर्शी इतने अविस्मरणीय इसलिए हो गए ये शब्द, कीसी व्यक्ति के मुख से नहीं सनातन धर्म की मूल संस्कृति उदार चरिता नाम तो वसुधैव कुटुंबकम ये समूची दुनिया के लोग अपना भाई है, उदार हृदय वालों के लिए बड़े-बड़े के लिए संपूर्ण धरती ही उनका परिवार है देश की सीमाओं से बाहर न जाने वाले दायरे से बाहर सब को पराया समझने वाले पश्चिमी समाज को स्वामी विवेकानंद के गीत विश्वास ही नहीं हुआ कि हजारों मील दूर से आया हुआ एक व्यक्ति जिसके ना तो धर्म का संबंध है और न ही रक्त का संबंध है न संस्कार का है,