व्याकरण
अपने पैरों पर खड़ा होना → स्वावलंबी होना
आसमान टूटना → आचानक मुसीबत आना
घाट-घाट का पानी पीना → बहुत अनुभवी होना
त्राहि-त्राहि करना → बहुत दु: खी
हाथ खिंचना → अलग होना
हाथ का मैल होना → तुच्छ
तूती बोलना → धाक जमना
आकाश पाताल एक करना → कठिन परिश्रम करना
मुट्ठी मे करना → वश मे करना
गला छूटना → पिंड छूटना
प्राण-पखेरू उड़ना → मृत्यु हो जाना
पीठ दिखाना → हार कार भाग जाना
खेत रहना → वीरगति पाना
आपे से बाहर होना → बहुत क्रोधित होना
अक्ल का अंधा → मूर्ख होना
खून पसीना एक करना → बहुत परिश्रम करना
अपना उल्लू सीधा करना → अपना काम निकालना
सब धन बाईस पसेरी → अच्छा-बुरा सबको एक समझना
चूँ न करना → सह जाना
दाँत गिनना → उम्र पता लगाना
काठ मारना → स्तब्ध रहना
माथा ठनकना → अनिष्ट की आशंका होना
हाथ मलना → पछताना
आस्तीन का साँप → घर में छिपा शत्रु
गाल बजाना → व्यर्थ में हाँकना ( डींग हाँकना )
अंधे की लकड़ी → एकमात्र सहारा
ईट से ईट बजाना → विनाश करना
गूलर का फूल होना → कभी भी दिखाई न देना
घुटने टेक देना → हार मानना
अंटी मारना → चाल चलना
खिल्ली उड़ाना → व्यंग्य करना
उल्टी गंगा बहाना → परम्पराओं के विपरीत कार्य करना
आसमान टूटना → अचानक मुसीबत आना
दिल छोटा करना → हतोत्साहित होना
नौ दो ग्यारह होना → रफू-चक्कर होना