उत्तर- जन जन का चेहरा एक से कवि का तात्पर्य उन लोगों से है, जो अलग-अलग देशों में रहने के बावजूद भी एक साथ मिलकर शोषण कर्ताओं के विरुद्ध आवाज उठाते हैं। जिसका एक ही लक्ष्य है शांति और बंधुत्व के साथ न्याय। कवि ने इसमें जनता की एकता और उनकी ताकत को दिखाया है।
उत्तर- ‘बँधी हुई मुट्ठिया’ जनता की ताकत और एकता का प्रतीक है। जिसका लक्ष्य है, शोषण कर्ताओ के विरुद्ध आवाज उठाना और न्याय को कायम रखना। बँधी हुई मुट्ठी की ताकत इतनी है कि जनता के शोषण कर्ताओ को कभी भी सत्ता से हटा सकती है और उनके लिए भयानक और विकराल रूप भी धारण कर सकती है।
उत्तर- कवि ने सितारे को भयानक इसलिए कहा है क्योंकि सितारे मे जितनी चमक होती है, वह उतना ही विकराल और भयानक होता है। समय आने पर वह लाल जलते हुए ज्वाला के समान होता है। सितारे का इशारा संघर्षशील जनता की ओर है जो शोषण कर्ताओं के लिए काल बन सकती है एक भयानक और विकराल रूप ले सकती है।
उत्तर- नदियों की वेदना का कारण मनुष्य के द्वारा किए जा रहे पाप, अत्याचार और अधर्म है। जिसके कारण माँ की तरह सबको जीवन देने वाली नदी भी विनाश का कारण बनती है।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तिया दिगंत भाग-2 के “जन-जन का चेहरा एक” कविता से ली गई है। इसके कवि “गजानन माधव मुक्तिबोध जी” है। कवि ने इस कविता मे आंतरिक एकता को दिखाते हुए जनता के संघर्षकारी संकल्प मे प्रेरणा और उत्साह का संचार करते है। इन पंक्तियों कवि कहते है की, इन अंधकारों की चीरने वाले आशा की लाल-लाल किरणे है। जब ये अंधकार खत्म होगा तो सभी मित्रों का सभी लोगों का स्वर्ग एक होगा। सभी लोगो के मित्र एक होंगे।
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तिया दिगंत भाग-2 के “जन-जन का चेहरा एक” कविता से ली गई है। इसके कवि “गजानन माधव मुक्तिबोध जी” है। कवि ने इस कविता मे आंतरिक एकता को दिखाते हुए जनता के संघर्षकारी संकल्प मे प्रेरणा और उत्साह का संचार करते है। इन पंक्तियों कवि कहते है की, एशिया, यूरोप, अमरीका भिन्न-भिन्न निवास स्थान है जहाँ लोग रहते है। भौगोलिक, ऐतिहासिक बहुत से बंधन है इन बंधनों के बावजूद भी सभी ओर हिंदुस्तान के लोग रहते है सभी ओर हिन्दुस्तानी है।
उत्तर- जो लोगों का शोषण करते हैं। उन्हें कष्ट पहुंचाते हैं और उनके हक को छीनते हैं। ऐसे लोगों को ही दानव दुरात्मा कहा गया है।
उत्तर- ज्वाला जनता के हृदय से उठती है। कवि ने इस अतिक्रुद्द इसलिए कहा है क्योंकि शोषित और पीड़ित जनता के मन में जो ज्वाला है। वो बहुत ही प्रलयंकारी है। वह अपना धैर्य खो चुकी है। अपना हक पाने के लिए जनता एक होकर शोषण करने वालों के खिलाफ अपनी आवाज उठा रही है और क्रांति कर रही है।
उत्तर- जन जन का युद्ध समूची दुनिया में इसलिए चल रहा है क्योंकि सारी दुनिया इन शोषण करने वालों से परेशान है। शोषण कर्ता सभी जगह है, सभी देशों में है इसलिए सभी देशों के लोगों की वेदना और संघर्ष एक सी है ।
उत्तर- कविता मे शोषण कर्ताओ के विरुद्ध संघर्ष कर रही जनता के बारे में बताया गया है। सभी देश में शोषण करने वाले हैं, जो पीड़ित और कमजोर जनता को दबाए जा रहे हैं। अब जनता एकता के बल को समझ गई है, जग गई है। एक होकर जनता इन शोषण कर्ताओं के खिलाफ अपनी ताकत और क्रोध को दिखा रही है। जिसका एक ही लक्ष्य है, अपने अधिकारों को प्राप्त करना।
उत्तर- प्यार का इशारा और क्रोध का दूध धारा से तात्पर्य है कि जो जनता प्यार करती है, जो सब कुछ शांति और संयम से करती है। वह जब क्रोध में आती है तो उसकी धारा बदल जाती है। वह शोषण करने वालों पर तलवार की धार की तरह होती है। वह किसी से नहीं डरती है।
उत्तर- जनता का शोषण करने वाले लोगों ने पृथ्वी के प्रसार को अपनी सेनाओं से गिरफ्तार कर रखा है। इसमें समाज के उच्च वर्ग के लोग जैसे नेता और पूंजीपति आदि आते हैं।