तुलसीदास जी का यह पद विनय पत्रिका से संकलित है। वे इस पद में माता सीता से याचना करते हैं, कि हे जगत जननी माँ सीता, आपको कभी समय मिले तो आप श्री राम को मेरी याद दिला दीजिएगा। हे माता जब प्रभु की इच्छा यह जानने की हो की, उनका यह दास है कौन? तब आप मेरा नाम और मेरी दशा उन्हे बता दीजिएगा। कृपालु श्री राम के सुनते ही मेरी बिगड़ी बन जाएगी। मैं इतना निकम्मा हूँ कि, मैं अपना पेट भरने के लिए श्री राम का नाम लेता हूँ, लेकिन मैं प्रभु की दासी का दास हूँ।
कहिएगा कि मैं जन्म से ही भूखा हूँ और उनकी कृपा का भोजन का एक निवाला चाहता हूँ और कुछ नहीं चाहिए हे दानी दशरथ के पुत्र दीन दुखियों पर कृपा करने वाले मुझ पापी पर भी कृपा करें, जो अपना पेट भरने के लिए आपका नाम लेता है। हे प्रभु आपकी कृपा से ही मेरा काम बन सकता है। आपने इस भक्त को भोजन का एक निवाला देकर इसका पेट भर दीजिए, जो भोर से ही आपके द्वार पर बैठा है।