उत्तर- बिशनी को अपने बेटे मानक जो एक सिपाही है, मुन्नी को अपने भाई की प्रतीक्षा है। वे मानक की चिठ्ठी आने की आशा से वे डाकियाँ की राह देखती है।
उत्तर- बिशनी मानक को लड़ाई मे इसलिए भेजती है क्योंकि एक सिपाही है, उसके सिवा घर में कोई कामकरने वाला नहीं है और उसे मुन्नी के विवाह के लिए पैसा की आवश्यकता है।
उत्तर- बिशनी रात को सोते हुए सपना देखती है की मानक घायल अवस्था में घर आया है और उसे मारते के लिए एक दुश्मन सिपाही भी उसके पिछे आया है। बिशनी मानक कों पानी देती हैं। बिशनी, दुश्मन सिपाही से मानक कों नहीं मरने के लिए कहती है। सिपाही, मानक को बहशी और जानवर कहता है। मानक, सिपाही को मारने के लिए बंदूक उठाता हैं। बिशनी उसे ऐसा करने से रोकती है और कहती है। मानक तू इसे नही मारेगा । “यह भी हमारी तरह गरीब आदमी है”। इसकी माँ इसके पीछे रो-रोकर पागल हो।
उत्तर- कुंती, बिशनी से मुन्नी की शादी की बात करती है और अच्छा वर-घर देखने को कहती है। बिशनी बोलती है “वर-घर देखघर ही क्या करना है, कुंती ? मानक आए तो कुछ हो भी। तुझे पता ही है, आजकल लोगो के हाथ कितने बढ़े हुए हैं।” इसका अर्थ यह है कि वर और घर देखघर ही क्या करेगे लड़के वाले के हाथ बढे हुए है। अर्थात दहेज की माँग बहुत हो गई है। मानक आए तो ही कुछ होगा।
उत्तर- बर्मा से आई दोनो लड़कियाँ जब बिशनी के घर सहायता के लिए आती है। तब बिशनी द्वारा पुछे जाने पर वे कहती है की वे बर्मा के युद्ध से अपनी जान बचाकर जंगल के रास्ते आई है। जल मार्ग से आने वाले जहाजों को दुश्मन फौज द्वारा नष्ट कर दिया जाता है। सभी लोग अपनी जान बचाकर वहाँ से भाग रहे है। बिशनी कहती है मानक भी वहाँ लड़ने गया वो क्यो नही आया। तब उनमे से कोई एक लड़की कहती है “नही, फौजी वहाँ लड़ने के लिए है। वे नही के भाग सकते। जो फ़ौज छोड़कर भागता है, उसे गोली मार दी जाती है।”
उत्तर- मुन्नी सिपाही की माँ शीर्षक एकांकी को एक प्रमुख पात्र है। मुन्नी सिपाही मानक की बहन और बिशनी की पुत्री है। उसकी उम्र इस लायक हो गई है की शादी की जा सके। वह एक निम्न मध्यवर्गीय परिवार से संबंध रखती है। मुन्नी के सारे सपने उसके भाई सिपाही मानक के साथ जुड़े हुए है। वह तारों और बंटों को कड़े पहने देखकर अपने माँ से कहती “माँ भैया मेरे लिए जो कड़े लायेगे वे तारों और बंटों के कड़ों से भी अच्छे होंगे ना।” मुन्नी अपने भाई से बहुत प्रेम करती है। अपने भाई के लड़ाई मे जाने के बाद मानक की चिठ्ठी का इंतजार बड़ी बेसब्री से करती है। वह स्वभाव से भोली, निश्छल एवं साहसी है। क्योंकि उसके सारे सपने अरमान उसके भाई मानक के साथ जुड़े हुए है और वही पूरा करने वाला भी है।
उत्तर- बिशनी मोहन राकेश द्वारा लिखीत ‘सिपाही की माँ’ एकांकी की प्रमुख पात्र है। एकांकी के दूसरे भाग मे बिशनी सपने मे जो घटना घटती है, उसमे जो संवाद होता है उस संवाद से उसमे किसी भी सिपाही की माँ को ढूंढा जा सकता है। जब सिपाही मानक को खेदड़ते हुए बिशनी के पास ले जाता है तो मानक की गले से लिपट जाता है और सिपाही के पूछने पर की इसकी तू क्या लगती है। बिशनी का जवाब आता है- मैं इसकी माँ हूँ। मैं तुझे इसे मारने नहीं दूँगी। तब सिपाही का जवाब आता है यह हजारों का दुश्मन है, वे उसको खोज रहे है तब बिशनी कहती है- तू भी तो आदमी है तेरा भी घर-वार होगा।
तेरी भी माँ होगी। तू माँ के दिल को नहीं समझता। मैं अपने बच्चे को अच्छी तरह से जानती हूँ। साथ ही जब मानक पलटकर सिपाही पर बंदूक तान देना है तब बिशनी मानक को यह कहती है कि “बेटा, तू इसे नहीं मारेगा।” तुझे तेरी माँ की सौगंध तू इसे नहीं मारेगा इन संवाद से पता चलता है। उतना ही उस सिपाही को भी जो उसके बेटे को मारने के लिए खडेढ़ रहा था। उसका दिल दोनों के लिए एक है। अतः उसमे किसी भी सिपाही की माँ को ढूंढा जा सकता है।
उत्तर- एकांकी
इसमें एक साथ अनेक कथा को उल्लेख किया जाता है।
इसमे पात्र का विकास दिखाया जाता है।
उसमें एक अंक दिखाया जाता है।
नाटक
इसमें केवल एक कथा का उल्लेख की जाती है।
इसमें पात्र का चरित्र दिखाया जाता है।
इसमें अनेक अंक दिखाया जाता है।
उत्तर- हमारे विचार से इस एकांकी का सबसे सशक्त पात्र ‘बिशनी’ है। यह बात एकांकी के शीर्षक से भी स्पष्ट होता है। इस एकांकी में बिशनी ने समाज को अच्छे संदेश देती है। एक सच्चे देशभक्त की माँ होने का। साथ ही साथ बिशनी विषम परिस्थितियों से भी लड़ने का संदेश देती है। वो गरीब की स्थिति में भी अपने परिवार का पालन पोषण अच्छे तरीके से कर रही है। इस समाज से उसका एक ही खेद है, वो है शादी के लिए दहेज लेना। बिशनी ने दहेज के प्रति अपनी चिंता जताती है। जो समाज के लिए एक जागरूकता का प्रतिक है।
उत्तर- दोनो लड़कियो बर्मा के रंगुर शहर की निवासी है। बर्मा और जापान के बिच युद्ध होने के कारण वे जंगल के रास्ते अपनी जान बचाने के लिए 15 दिनों की पैदल यात्रा कर के आई है। जो अब बिशनी के गाँव मे शरण्यार्थी है।
उत्तर- कुंती, बिशनी की पड़ोसन है। कुंती उदार और व्यवहारिक प्रकृति की है। मानक के युद्ध में चले जाने के बाद कुंती बिशनी को संतोष देती है। वो मुन्नी की शादी के प्रति भी चिंता जताती है। वो कहती है कि “बिशनी, मुन्नी बिटिया अब सयानी हो गई है। कोई अच्छा सा घर-वर देखकर मुन्नी के हाथ पीले कर दो।” बिशनी कहती है कि मानक को तो आने दो, वो आएगा तो अच्छा सा घर-वर देखकर इसका व्याह कर दूँगी। क्या पता ? अभी तो लड़ाई भी शुरू हो चुकी है बर्मा मे। कुंती इस बात पर भी उसे सांत्वना देती है घबराओ मत बिशनी वो जरूर आएगा, वो आएगा।
उत्तर- मानक बर्मा की लड़ाई में भारत की ओर से अंग्रोजों के साथ लड़ाई कर रहा था और दूसरी ओर सिपाही जापान की तरफ से लड़ रहा था। दोनों अपने अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और दोनों एक-दूसरे का देश का अपना दुश्मन समझते और मारना चाहते है।
उत्तर- मानक एक फौजी है। वह बर्मा मे हिन्दुस्तानी फौज की ओर से जापानी सेना से युद्ध कर रहा है। बिशनी सपने में देखती है। मानक भगत हुआ उसके पास आता है। दुश्मन सिपाही उसका पीछा करते हुए वहाँ पहुँच जाता है। मानक की माँ मानक को बचाना चाहती है। इसपर दुश्मन सिपाही मानक को वहशी और जानवर पुकारते है। मानक की आँखे गुस्से से लाल हो जाती है। वह घायल अवस्था में भी बड़ा होकर सिपाही को मारने का प्रयास करता है। और क्रोध की स्थिति में वह स्वंम कों वहशी और जानवर से भी बढ़कर कहता है।
उत्तर- मुन्नी के विवाह की चिंता न होती तो मानक लड़ाई पर न जाता, यह चिंता भी किसी लड़ाई से कम नहीं है ? हम इस कथन से पूर्णतः सहमत है कि चिंता भी किसी लड़ाई से कम नहीं है? उसके भीतर एक लड़ाई चलती रहती है अर्थात वह मानसिक रूप से बेचैन रहता है। जिस प्रकार युद्ध मे घाट-प्रतिघात का दौर चलता है। उसी प्रकार उसके मन मे भी एसी ही स्थिति बनी रहती है। बिशनी और मानक को मुन्नी के विवाह की चिंता है। इसलिए मानक लड़ाई पर गया है। यह चिंता भी किसी लड़ाई के समान ही है क्योंकि इस कारण उन्हे बहुत से प्रयास करने पड़ते है। युद्ध के समान ही जब तक यह चिंता समाप्त नहीं हो जाती तब तक इससे पीड़ित लोग परेशान ही रहने है।
उत्तर- सिपाही के घर की स्थिति मानक के घर से भिन्न नहीं है क्योंकि दोनों हो गरीब है। दोनों अपनी आवश्यता को पुरा करने और पैसे कमाने के लिए ही युद्ध पर गए है। दोनो अपने परिवार का साहारा है। उन दोना को कुछ भी होता है तो उसका परिवार बिखर जाएगा।