प्रेस नोटभोज विश्वविद्यालय को सूचना संचार तकनीक पर आधारित डिजिटल विश्वविद्यालय बनाना है- प्रो. संजय तिवारी

भोपाल 13 सितम्बर। मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में नैक पियर टीम के दूसरे दिन टीम द्वारा इंदौर तथा उज्जैन के क्षेत्रीय निदेशक के कार्यालयों एवं अध्ययन केंद्रों का निरिक्षण किया गया। दौरे के तीसरे व अंतिम दिवस की शुरुआत मैं नैक पियर टीम के सदस्यों ने भोज विश्वविद्यालय के कुलपति एवं आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन केंद्र की निदेशक और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। तत्पश्चात नैक पियर टीम के 7 शिक्षाविदों ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र- छात्राओं एवं उनके माता-पिता के साथ परिचर्चा की। दिवस के मध्य में नैक टीम के सदस्यों ने विश्वविद्यालय परिवार के कर्मठ सदस्यों के साथ विचार विमर्श किया और विश्वविद्यालय की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु नई दिशा देने हेतु सुझाव भी साझा किये। 

तीन दिवसीय दौरे के अंतिम चरण में नैक तीन के सदस्यों ने क्षेत्रीय केंद्र भोपाल, इन्क्यूबेशन सेंटर और डे- केयर सेंटर, परिसर का भ्रमण कर रेन वाटर हार्वेस्टिंग, सौर ऊर्जा सयंत्र, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट तथा विश्वविद्यालय के द्वारा किये गए नवाचारों को देखा। नैक पियर टीम के सदस्यों ने विश्वविद्यालय में वृक्षारोपण भी किया। 

इसके पश्चात् एग्जिट मीटिंग का आयोजन किया गया जिसमे, सम्पूर्ण भोज विश्वविद्यालय परिवार की ओर से नैक सदस्यों का सम्मान कर, उन्हें धन्यवाद दिया गया। तत्पश्चात नैक पियर टीम के अध्यक्ष प्रो. नरेश दधीच द्वारा भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय तिवारी को संपूर्ण तीन दिवसों की सील बंद रिपोर्ट सौंपी। प्रो.दधीच ने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को प्रेरित करते हुए कहा कि, नैक की बहुत अच्छी रैंकिंग से हमे शिथिल होने की आवश्यकता नहीं है, और कम रैंकिंग से भी हमे निराश  होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि हमे विश्वविद्यालय और समाज की सेवा में निष्काम भाव से निरन्तर काम करने की आवश्यकता है । हमें अपने किये गए कार्य और परिश्रम का फल आज नहीं तो कल अच्छा जरूर मिलता है । मीटिंग में भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय तिवारी ने कहा कि नैक पियर टीम के सभी मेंबर बहुत ही सौम्य स्वाभाव के धनी और बहुत की ज्ञानी हैं। उन्होंने सभी टीम के सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि, पियर टीम के सुझावों पर विश्वविद्यालय अवश्य अमल करेगा। डॉ. संजय तिवारी ने उपस्थित कर्मचारियों एवं अधिकारीयों का आवाहन किया कि हमे विश्वविद्यालय को बदलती दुनिया के अनुरूप सूचना संचार तकनीक पर आधारित डिजिटल विश्वविद्यालय बनाना है और ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में आदर्श स्थापित करना है। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन केंद्र की निदेशक डॉ. अनीता कौशल द्वारा किया गया।  

कुलसचिव 

मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय

प्रेस नोट 

नैक पियर टीम ने किया भोज विश्वविद्यालय का दौरा, परखी पिछले पांच सालों की गतिविधियां

भोपाल 11 सितम्बर। मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय मैं आज नेक पियर टीम का भव्य स्वागत किया गया। दौरे की शुरुआत राजा भोज एवं सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण के साथ की गई। नैक पियर टीम में देश के 7 प्रख्यात शिक्षाविद् उपस्थित हुए, टीम की अध्यक्षता प्रो. नरेश दधीच, पूर्व कुलपति वर्धमान महावीर मुक्त विश्वविद्यालय कर रहे हैं। टीम का स्वागत एनसीसी केडेट्स के गॉड ऑफ ऑनर से किया गया। टीम के समक्ष भोज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी ने विश्वविद्यालय के उद्देश्य, दृष्टि पत्र और कार्य प्रणाली के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों की उपलब्धियों, अकादमिक कार्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के बारे में भी प्रेजेंटेशन दिया l 

                  विश्वविद्यालय विजिट के प्रथम दिन टीम के सदस्यों द्वारा कई अलग-अलग विभागों का निरीक्षण किया गया l जिसमें सीका, विद्यार्थी सहायता शाखा, लाइब्रेरी, प्रिंटिंग विभाग, अकादमिक समन्वय, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग, वित्त विभाग,शिक्षा शाखा, स्वयं प्रभा कक्ष, परीक्षा शाखा, मेडिकल सेंटर एवं आईटी विभाग मुख्य थे। नैक टीम सदस्यों द्वारा स्वस्थ्य केंद्र में मेडिकल हेल्थ चेकअप भी कराया गया। टीम ने विश्वविद्यालय के विभागों द्वारा पिछले पांच वर्षों में किये कार्यों का जायज़ा लिया। आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन केंद्र की निदेशक डॉ. अनीता कौशल ने नैक पियर टीम के समक्ष नैक मूल्यांकन से संबंधित 7 क्राइटेरिया पर आधारित प्रेजेंटेशन दिया। 

                 


                                                                                                      कुलसचिव 

मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय

Unforgettable moment Discussion with ISRO Chairman Sreedharan Somanath


अच्छी किताब ही अच्छी संस्कृति का निर्माण करती है- प्रो. संजय तिवारी

भोपाल 14 जुलाई। मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में आज से तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ इस कार्यशाला का विषय है "दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा के लिए स्वर अधिगम सामग्री का अभिकल्पन और विकास"। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में शिक्षा जगत के अनेक दिग्गजों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। तीन दिवसीय इस कार्यशाला का आयोजन मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल के सभागार में किया जा रहा है। कार्यशाला में भाग लेने लिए लगभग 300 से ज्यादा विभिन्न संकाय के अनेक प्राध्यापकों और लेखकों ने ऑनलाइन- ऑफलाइन पंजीयन करवाए।

सत्र की शुरुआत मुख्य अतिथि के उद्बोधन से हुई। प्रो. केजी सुरेश, कुलपति, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय ने अपने वक्तव्य में कहा की ऑनलाइन शिक्षा के बारे में कोरोना काल से हमारी सोच में काफी बदलाव आया है। कोरोना काल में ही हमें इसके महत्व के बारे में पहली बार समझ आया है। भारत के सभी शिक्षकों ने इसी कोरोना काल में ऑनलाइन माध्यम से विद्यार्थियों तक शिक्षा पहुंचाई है। शिक्षक भी कोरोना वारियर से कम नहीं हैं। प्रो . सुरेश ने कहा की ऑनलाइन माध्यम के द्वारा हम विश्व के किसी भी प्रतिष्ठित विद्वान शिक्षक या वैज्ञानिक को हमारे क्लासरूम तक ला सकते हैं, वह भी बहुत कम खर्चे में। ऐसा केवल इस माध्यम के द्वारा ही हो सकता है। आज शिक्षा को ऑनलाइन माध्यम ने लाइफ लोंग लर्निंग में बदल दिया है। प्रोफेसर सुरेश ने कहा कि पहले ओपन एजुकेशन के बारे में जनता में कई भ्रांतियां थी, लेकिन आज वही ओपन और मुक्त शिक्षा को काफी अच्छी नजर से देखा जाता है।

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में सारस्वत वक्ता के रूप में उपस्थित प्रोफेसर संतोष कुमार पांडा, निदेशक , इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय ने कहा की भोज विश्वविद्यालय की बुनियाद इसके पूर्ववर्ती कुलपतियों ने बहुत अच्छी रखी है; और इस विश्वविद्यालय की भूमिका नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में भी अग्रणी रहेगी, ऐसी आशा है। उन्होंने कहा कि हमें अंग्रेजी से प्रभावित शिक्षा प्रणाली का बहुत फायदा हुआ है किंतु इसका एक नुकसान यह भी हुआ है की ऐसे शोध और विकास कार्य जो अंग्रेजी भाषा के अलावा दूसरी भाषा में हुए हैं उससे हम वंचित रहे हैं।

डॉ संतोष पांडे ने शिक्षकों का आवाह्न करते हुए कहा कि आपको राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है और यह कार्यशाला स्व अधिगम पाठ्य सामग्री के विकास में आपको उचित कौशल प्रदान करेगी।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉक्टर अनिल कोठारी ने कहा कि यह कार्यशाला एक गुणवत्तापूर्ण शिक्षण सामग्री बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी आज मुक्त और दूरस्थ शिक्षा का जमाना है और नई शिक्षा नीति के अनुसार दूरस्थ और मुक्त शिक्षा के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें अधिगम पाठ्य सामग्री का निर्माण एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है उन्होंने कहा गुरु रास्ते बताता है किंतु उस पर चलना तो आपको ही पड़ता है। कार्यक्रम के अतिथि प्रोफेसर एन एन राव निदेशक वेस्टर्न रीजनल रिसर्च सेंटर फॉर इंस्ट्रूमेंटेशन ने कहा कि हमारा केंद्र छोटे-छोटे उपकरणों के माध्यम से विज्ञान के कई सिद्धांतों को बच्चों को आसानी से समझाने के लिए विकसित कर रहा है। डॉ. कोठरी ने अधिगम पाठ्य सामग्री के विकास के संबंध में कहा कि हमें ऐसे छोटे-छोटे मॉडल विकसित करना चाहिए जिससे बच्चे घर पर भी प्रैक्टिकल के रूप में करके विज्ञान के सिद्धांतों को सीख सकें उन्होंने कहा कि उनका संस्थान स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम चला रहा है।

उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी ने कहा कि "किताब को एक शिक्षक की तरह कार्य करना चाहिए" यही अधिगम सामग्री की मूल अवधारणा है। पाठ्य सामग्री की विषय वस्तु ऐसी हो जो विद्यार्थी को आनंदित करने के साथ-साथ उसको विजुलाइज करने के लिए भी बात कर सके। उन्होंने कहा कि पुस्तकों का महत्व कभी कम नहीं होने वाला है। शिक्षा देश की रीढ़ की हड्डी है। तिवारी ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारत देश में शोध और विकास पर हमारे जीडीपी का केवल 0.5% खर्च किया जाता है किंतु इतने कम बजट के बावजूद भी हमारे वैज्ञानिकों ने देश को इतनी तरक्की प्रदान की है। उन्होंने कहा कि आज 3p ( पेटेंट , पब्लिश और प्रोस्पर ) अवधारणा प्रचलित है। डॉ. तिवारी ने कहा कि आज देश में दूरस्थ और मुक्त शिक्षा तथा ऑनलाइन शिक्षा का भविष्य बहुत अच्छा है इन शिक्षा पद्धति की सफलता उनके अधिगम पाठ्य सामग्री की गुणवत्ता पर निर्भर करती है इस कार्यशाला के माध्यम से अध्यापकों को गुणवत्तापूर्ण अधिगम पाठ्य सामग्री के निर्माण की कुशलता प्राप्त होगी। जिससे वे भविष्य में गुणवत्तापूर्ण पाठ्य सामग्री का निर्माण कर सकेंगे और राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में अपना विशेष योगदान दे सकेंगे।

इसके पूर्व कार्यक्रम में कार्यशाला के समन्वयक और विश्वविद्यालय के एकेडमिक समन्वय विभाग के निदेशक प्रोफेसर उत्तम सिंह चौहान ने कार्यशाला के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी और विषय प्रवर्तन किया। कार्यक्रम का संचालन भोज मुक्त विश्वविद्यालय की उप निदेशक डॉ अनीता कौशल ने किया। उद्घाटन सत्र के अंत में धन्यवाद ज्ञापन मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा द्वारा दिया गया।

कार्यशाला में उच्च शिक्षा विभाग, आर. आई. ई. भोपाल एवं विश्विद्यालय के प्राध्यापकों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई।

प्रेस नोट

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा पर भोज मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 

भोपाल 25 अप्रैला।  आगामी 29 एवं  30 अप्रैल को मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा  है। कॉफ्रेंस  का शीर्षक है - राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन दूरस्थ शिक्षा संस्थान के लिए दृष्टिकोण अवसर और चुनौतियां। 

संगोष्ठी में देशभर के प्रसिद्ध दूरस्थ और मुक्त शिक्षा के विद्वान शिक्षाविद और शोधार्थी उपस्थित होंगे।  इस कार्यक्रम में लगभग 25 से अधिक  शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।  दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के राज्यपाल और मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महामहिम श्री मंगू भाई पटेल जी करेंगे। मुख्य अतिथि डॉ. मोहन यादव  मंत्री  मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग होंगे।  उद्घाटन सत्र के सारस्वत वक्ता  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नागेश्वर राव हेंगे।  इनके साथ साथ  सम्मेलन में दूरस्थ और मुक्त शिक्षा से संबंधित विशिष्ट विद्वान जैसे डॉ. राजेंद्र प्रसाद दास, कृष्णकांत हांडिक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय गुवाहाटी असम, प्रो. के. सीता रामा राव कुलपति बी आर अंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय हैदराबाद तेलंगाना, डॉ. अमी उपाध्याय कुलपति डॉ बाबासाहेब आंबेडकर मुक्त विश्वविद्यालय अहमदाबाद, विनोद सिंह यादव  उप सचिव  दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो यूजीसी नई दिल्ली तथा प्रोफेसर संतोष पांडा  निदेशक दूरस्थ शिक्षा कर्मचारी प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली उपस्थित होंगे। 

सम्मेलन के समन्वयक प्रोफेसर किशोर जान ने बताया कि, सम्मेलन में कुल 5 तकनीकी सत्र होंगे।  जिनमें दूरस्थ शिक्षा से संबंधित विभिन्न विद्वान अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे एवं उनपर विचार विमर्श करेंगे । इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को दूरस्थ और मुक्त शिक्षा संस्थानों में किस प्रकार लागू किया जाए एवं  दूरस्थ और मुक्त शिक्षा संस्थानों  के समक्ष आ रही चुनौतियों और उनको दूर करने के लिए नए प्रयासों की आवश्यकता कितनी होगी इस पर चर्चा की जाएगी। सम्मलेन में दूरस्थ और मुक्त शिक्षा के पाठ्यक्रमों , शैक्षणिक विधियों और मूल्यांकन संबंधी विभिन्न विषयों पर मंथन किया जाएगा।  साथ ही  दूरस्थ और मुक्त शिक्षा में तकनीक के माध्यम से किस प्रकार गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया जाएगा।

                                             प्रो. किशोर जॉन 

                                         निदेशक एवं समन्वयक 

                                  मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय

एक अच्छा प्रश्न नये शोध को जन्म देता है और शोध से रोजगार उत्पन्न होते हैं- डॉ. याख्मी।

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर भोज विश्वविद्यालय में संगोष्ठी संपन्न।

भोपाल 28 फरवरी 2022. राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी काआयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय था वैश्विक नेतृत्व और रोजगार कौशल के लिए विज्ञान। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर जे वी याख्मी में ने कहा कि हमारे विद्यार्थियों में प्रश्न करने और उस पर मनन करने का कौशल विकसित होना चाहिए क्योंकि एक अच्छा प्रश्न एक नए शोध को जन्म देता है और यह शोध आगे जाकर विभिन्न प्रकार के रोजगार उत्पन्न करते हैं। डॉक्टर याख्मी ने भारत के विभिन्न उदाहरण के साथ इस विषय पर प्रकाश डाला कि किस प्रकार पुरातन काल में भी भारत वैश्विक नेतृत्व कर रहा था। इस संदर्भ में उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय, जयपुर के जंतर मंतर ,तंजावुर का प्रसिद्ध मंदिर आदि के उदाहरण देकर यह स्थापित किया कि भारत पुरातन काल में विश्व गुरु था। उन्होंने वैश्विक नेतृत्व के संदर्भ में भारतीय मूल के विभिन्न वैज्ञानिकों और उनके द्वारा किए गए विभिन्न प्रकार के खोजो का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि आज विश्व में हर देश में भारतीय वैज्ञानिक और कार्यकारी प्रबंधक भारतीय मूल के ही हैं जिससे यह पता चलता है कि भारतीय मानस में वैश्विक नेतृत्व की क्षमता अभूतपूर्व है। इस संदर्भ में उन्होंने जुबिन मेहता, विवेक मूर्ति ,प्रोफेसर एस चंद्रशेखर, वेंकटरमन रामाकृष्णन आदि के उदाहरण प्रस्तुत किए उन्होंने कहा कि आज के जमाने में सिर्फ 1 डिग्री करने से काम नहीं चलेगा विद्यार्थियों को कम से कम दो या तीन विषयों में अपनी कुशलता हासिल करनी पड़ेगी तब जाकर वह समाज में अपनी अलग पहचान बना पाएंगे।

संगोष्ठी के मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे ने कहा कि उज्जैन स्थापत्य कला की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है उज्जैन शिक्षा की भी नगरी है यहीं पर सांदीपनी आश्रम में भगवान कृष्ण ने 16 कलाओं और 64विद्याओं को सीखा था। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में उज्जैन ही वह स्थान है जो सूर्य के ठीक नीचे स्थित है. यहां पर वेधशाला भी है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भारत विश्व गुरु था और यहां पर नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय हुआ करते थे लेकिन बाद में मुगलों और अंग्रेजों ने भारत की धन दौलत और बौद्धिक संपदा को लूटा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में उद्यमिता पर अधिक जोर दिया गया है। उन्होंने एक उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार आज सर्कुलर इकोनामी पर काम किया जा रहा है । एक भारतीय वैज्ञानिक ने बेंगलुरु में मशरूम उत्पादन का कार्य शुरू किया उसने मशरूम से ना केवल सब्जियां और सूप बनाए बल्कि मशरूम से ही शाकाहारी चमड़ा , मशरूम के जैकेट, मशरूम की पॉलिथीन, मशरूम से पैकिंग मैटेरियल, मशरूम से इंसुलेटर, मशरूम से पॉलीमर, यहां तक कि मशरूम से ईट भी बनाई है। यह तभी संभव है जब हमारे

पास बहू विषयक ज्ञान हो तभी ऐसी तरक्की संभव हो सकती है। उन्होंने कहा कि आज शोध के विषय हमें अपने आसपास ही ढूंढना चाहिए। हमें अपनी विरासत को जानना चाहिए और शिक्षा में भारतीय ज्ञान-विज्ञान को पढ़ाया जाना अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारे पाठ्यक्रम में राजा भोज के वैज्ञानिक योगदान पर अध्ययन सामाग्री अवश्य शामिल किया जाना चाहिए।

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी ने बताया कि 1986 से भारत में डॉक्टर सी वी रमन को याद करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का निर्णय भारत सरकार द्वारा किया गया। इस वर्ष राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का शीर्षक है वैश्विक कल्याण के लिए वैश्विक विज्ञान। डॉ तिवारी ने बताया कि किस प्रकार रमन एंपलीफायर, रमन स्केनर, रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी आदि अविष्कारों का आज दुनिया मेंउपयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हमें स्वदेशी मॉडल अपनाना चाहिए। हमको अपनी प्रकृति अध्यात्म के अनुसार वैज्ञानिक विकास करना चाहिए। भारत ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व कर सकता है इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 से 2030 के दशक में भारत विज्ञान के बल पर एक सामर्थ्यवान महान देश बनकर उभरेगा। डॉ तिवारी ने इस बात पर चिंता जाहिर की कि डॉक्टर सी वी रमन के बाद आज तक कोई भी भारतीय नागरिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार नहीं प्राप्त कर पाया है यह एक चिंता का विषय है।

संगोष्ठी का संचालन और विषय प्रवर्तन डॉ स्मिता राजन तथा अतिथि परिचय डॉक्टर साधना सिंह बिसेन वरिष्ठ सलाहकार द्वारा किया गया। कार्यक्रम का समन्वय किया प्रो किशोर जान निदेशक मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल कुमार शर्मा द्वारा आभार प्रदर्शन किया गया।


डॉ अनिल कुमार शर्मा

कुलसचिव

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय

भोज मुक्त विवि और एडसिल  के बीच नेटवर्किंग और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम को लेकर करार

भोपाल 1 फरवरी। शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत संचालित सार्वजनिक उपक्रम एजुकेशन कंसल्टेंट्स  इंडिया लिमिटेड (एडसिल)और मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के बीच यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम एवं नेटवर्किंग करने के लिए आपसी करार किया गया। एडसिल के कार्यकारी निदेशक डॉ. बी. चंद्रशेखर और विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलसचिव प्रो अंजली सिंह ने करार पर हस्ताक्षर किए गए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय तिवारी ने कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में एडसिल के सहयोग से मूल्यांकन व्यवस्था को भी ऑनलाइन करने के लिए प्रयास करेगा, इससे संसाधन और समय की बचत होगी। उन्होंने कहा कि सूचना संचार तकनीकी का इस्तेमाल करते हुए दूरस्थ और मुक्त  शिक्षा प्रणाली को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के प्रयास किए जाएंगे। इसमें एडसिल  के साथ आज किया जाने वाला करार मील का पत्थर साबित होगा। डॉ चंद्रशेखर ने एडसिल द्वारा देश और विदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों को विस्तार से बताया।  एडसिल केंद्र सरकार की सार्वजानिक क्षेत्र की मिनीरत्न-I श्रेणी की कंपनी है जो आईआईटी, आईआईएम जैसे प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के साथ कार्य कर रही है।  कार्यक्रम का संचालन आईटी विभाग के निदेशक प्रो किशोर जान द्वारा किया गया। डॉ जॉन ने कहा कि इस करार के माध्यम से एनईपी के लक्ष्यों को प्राप्त करने करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारी और शिक्षकगण उपस्थित रहे। 


प्रो अंजली सिंह 

प्रभारी कुलसचिव 

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय

गणतंत्र दिवस पर मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्विद्यालय में मा. कुलपति जी डॉ संजय तिवारी द्वारा जी सर्वप्रथम राजा भोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।मा कुलपति जी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव महोदय डॉ अनिल कुमार शर्मा जी एवं अन्य अधिकारी गण, शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित थे। कुलपति जी द्वारा  ध्वजारोहण के पश्चात सारगर्भित उदबोधन प्रस्तुत किया।इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में शिक्षको अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा विचारों का प्रवाह, राष्ट्रीय गीत, वंदना प्रस्तुत की गई। कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा जी द्वारा  कार्यक्रम के अंत मे विचार व्यक्त करते हुए सभी को शुभकामनाएं प्रदान की गयी।

अंत मे सभी को मिष्ठान वितरण किया गया।


Discussion with Chairman ISRO Dr. Somnath on collaborative activities with MPBOU

भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में भोज मुक्त विवि का स्टाल


भोपाल 21 जनवरी। मैनिट में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय ने प्रदर्शनी स्टॉल लगाया। स्टॉल पर विभिन्न प्रकार के पाठ्यक्रमों से संबंधित जानकारियां दी जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा तैयार की गई विभिन्न अध्ययन सामग्री, ऑडियो-वीडियो लेक्चर को भी प्रदर्शित किया गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी अनुसंधान परिषद की महानिदेशक डॉ कलाइसेल्वी ने आज प्रदर्शनी स्टाल का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय तिवारी, कुलसचिव डॉ अनिल शर्मा तथा सहायक कुलसचिव नितिन सांगले तथा प्राध्यापकगण, कर्मचारी उपस्थित रहे।

भोपाल, 12 जनवरी। स्वामी विवेकानंद जयंती 'युवा दिवस' के अवसर पर मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय परिसर में पाम ट्री के पौधे लगाए गए। इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी, कुलसचिव डॉ एलएस सोलंकी, कर्मचारियों, अधिकारियों और प्राध्यापकों ने परिसर में सड़क के बीच बने डिवाइडर पर 100 से अधिक पौधे लगाए। इस अवसर पर कुलपति प्रो तिवारी ने स्वामी विवेकानंद जी के चरित्र पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने लगभग 100 वर्ष पूर्व भारत के विकसित देश होने की कल्पना की थी। उन्होंने कहा था कि भारत को विकसित होने के लिए वैज्ञानिक समाज बनाना होगा। उन्होंने योग, वेदांत, दर्शन के साथ-साथ विज्ञान के शिक्षा को महत्वपूर्ण बताया। उन्हीं की प्रेरणा से भारत में भारतीय विज्ञान संस्थान की स्थापना की गई।

कुलसचिव

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय


शत प्रतिशत सौर ऊर्जा के उपयोग से ही हम देश में ऊर्जा स्वराज स्थापित कर सकते हैं- प्रो.चेतन सोलंकी

भोपाल 5 जनवरी 2023 मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल में आज जलवायु परिवर्तन और सुधार विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आईआईटी मुंबई के प्रोफेसर और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक प्रो चेतन सिंह सोलंकी थे।  प्रो सोलंकी ऊर्जा संरक्षण, सौर ऊर्जा जागरूकता के लिए देशभर में भ्रमण कर रहे हैं उन्होंने 11  वर्ष तक देश विदेश में भ्रमण कर सौर ऊर्जा जागरूकता के लिए अपना जीवन संकल्पित किया है। 

प्रो चेतन सिंह सोलंकी ने उपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों के समक्ष अपने व्याख्यान में बताया के किस प्रकार हमारे जलवायु में परिवर्तन आ रहा है।  उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण हमें कही  अति वर्षा, कहीं अति गर्मी तो  कहीं अति ठंड का सामना करना पड़ रहा है।  हमारे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ पिघल रही है और समुद्र में पानी का स्तर साल दर साल बढ़ता जा रहा है, वही एक ओर  आंधी और तूफान आने की संख्या भी बढ़ रही है और उसकी तीव्रता भी बढ़ती जा रही है।  उन्होंने बताया की ऊर्जा इन सब के केंद्र में है आज हम जितनी  ऊर्जा का उपयोग कर रहे हैं उसका 80 से 85% कोयला, तेल और गैस से आता है और इस प्रक्रिया में  से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है। इस वक्त वातावरण में 50% से अधिक कार्बन डाइऑक्साइड है।  इससे धरती में गर्मी तेजी से बढ़ रही है और धरती का संतुलन बिगड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केवल औद्योगिकरण और अंधाधुंध विकास ही इसके लिए जिम्मेदार नहीं है बल्कि प्रत्येक इंसान इसके लिए जिम्मेदार है और हम सब इंसान ही मिलकर हमारे जलवायु को खराब कर रहे हैं।  उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें धरती के तापमान को 2 डिग्री से ज्यादा बढ़ने नहीं देना है और इसके लिए हमें तुरंत और व्यापक उपाय करने होंगे। प्रो. सोलंकी ने बताया कि किस प्रकार हम सौर ऊर्जा का उपयोग कर जलवायु परिवर्तन को कुछ हद तक रोक लगा सकते हैं। उन्होंने इस संबंध में अपने 2 नियम प्रतिपादित किए हैं पहला अपने उपभोग को सीमित करें और दूसरा अपने निर्माण को स्थानीय कृत करें अर्थात यदि साधन सीमित है तो हमें उनका उपयोग भी सीमित ही करना चाहिए उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को उदाहरण देकर बताया कि किस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति अपने दिनचर्या में एक तिहाई ऊर्जा की जरूरतों को टाल सकता है एक तिहाई ऊर्जा की खपत को  कम कर सकता है और लगभग एक तिहाई उर्जा को स्थानीय तौर पर बना सकता है।  

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय तिवारी ने कहा की भारत में विश्व की 17% जनसंख्या रहती है और कुल कार्बन उत्सर्जन का 5% उत्सर्जन भारत में होता है लेकिन यह भी काफी ज्यादा है हमें इसे कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुराने काल में भारत में प्रकृति और मनुष्य के बीच सामंजस्य  रहता था। उन्होंने आवाहन किया कि पूरे देश में सौर ऊर्जा साक्षरता की आवश्यकता है। जब हम सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होंगे तभी भारत विश्व में नंबर एक देश होगा। भारत तो वैसे भी सदियों से प्रकृति पूजक देश रहा है।  यह हमारा शरीर पंच तत्वों से बना है अगर यह पंचतत्व ठीक रहेंगे तो हम भी ठीक रहेंगे। हम पर्यावरण के ट्रस्टी हैं मालिक नहीं है। जो व्यक्ति ऊर्जा साक्षर होगा वही सही मायने में साक्षर कहलाएगा। ऊर्जा साक्षरता को आज जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता है। 

आभार प्रदर्शित करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एस सोलंकी ने कहा कि आज का व्याख्यान हम सबके आंखें खोलने वाला रहा है आज हम सभी प्रण करते हैं कि हम अपने घरों और कार्यालयों में ऊर्जा का कम से कम उपयोग करेंगे और बिना किसी कारण के ऊर्जा का अनुचित प्रयोग नहीं करेंगे। कार्यक्रम में  अतिथि परिचय कराया वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर साधना सिंह बिसेन ने। यह कार्यक्रम मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन केंद्र द्वारा आयोजित किया गया। 


डॉ एलएस सोलंकी

 कुलसचिव मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय भोपाल

माननीय  कुलपतीजी द्वारा दिनाक 14/12/22  को  पूर्व छात्र संगठन( Alumni's) की बैठक आयोजित  करी गयी 

माननीय कुलपतिजी  द्वारा आज ट्रैफिक नियमों का पालन  हेतु  विश्विद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को शपथ दिलाई

दिव्यांग लोग भी हर प्रकार का काम कर सकते हैं इस दृष्टि से यदि समाज देखेगा तो उनके लिए सभी रास्ते निकाले जा सकते हैं -प्रो त्रिवेदी

भोपाल ०५ दिसंबर २० २२  . मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में आज अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस को लेकर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता सरोजिनी नायडू शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय भोपाल के प्रो रोहित त्रिवेदी ने कहा कि  डिसेबिलिटी और इंपेयरमेंट में काफी अंतर है।  डिसेबिलिटी को कई साधनों के माध्यम से सुधारा जा सकता है जबकि इंपेयरमेंट एक शारीरिक बाध्यता होती है। उन्होंने कहा कंप्यूटर में एडवांसमेंट के कारण आजकल बहुत सारी सुविधाएं और सॉफ्टवेयर बन गए हैं जिससे दिव्यांग जनों को पढ़ने लिखने और अपने काम करने में बहुत सुविधा होती है। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के सॉफ्टवेयर, मशीनों इत्यादि का उल्लेख किया जिससे दिव्यांग जनों को  अपने अपने कार्य संपादित करने और अध्ययन करने में काफी मदद मिल रही है।  उन्होंने विश्वविद्यालय किस प्रकार अपने पाठ्यक्रम और अध्ययन अध्यक्ष सामग्री को दिव्यांग जनों हेतु सुगम बनाया जाए इस पर विस्तार से बात की । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि  विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में एक ऐसे इकाई का गठन किया जाना चाहिए जो दिव्यांग जनों के प्रति हमेशा कार्य करें। सार्वजनिक भवनों को दिव्यांग जनों हेतु सुगम बनाया जाए रैम्प  का निर्माण हो प्रसाधनों, प्रयोगशालाओं ,पुस्तकालयों में इस बात का ध्यान रखा जाए कि दिव्यांग जनों को वहां पहुंचने में कठिनाई का सामना ना करना पड़े।हमें सिलेबस, परीक्षा की प्रणाली, मूल्यांकन की प्रणाली को भी दिव्यांग जनों के लिए मॉडिफाई करना चाहिए।

  

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजय तिवारी ने कहा कि विश्व की 80% दिव्यांग जनों की आबादी केवल विकासशील देशों में निवास करती है और उसमें से भी 80 से 90% दिव्यांगजन ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं। भारत में 2015 में दिव्यांग जनों हेतु सुगम्य भारत अभियान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद चालू किया गया. प्रोफेसर तिवारी ने कहा कि दिव्यांग जनों को भी समाज में गरिमा के साथ रहने का अधिकार है। इनफार्मेशन कम्युनिकेशन  टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुएदिव्यांग जनों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य किया जा सकता है।  जब तक समाज की सोच दिव्यांग जनों के प्रति नहीं बदलेगी तब तक हम उनको उनके अधिकार नहीं दे पाएंगे।उन्होंने पैरा ओलंपिक खेलों  का उल्लेख करते हुए बताया कि हमारे दिव्यांग खिलाड़ियों ने पैरा ओलंपिक में 19 मेडल जीते थे इससे सभी भारतीयों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया। उन्होंने कहा कि विकलांग वो  नहीं है जो तन से हारा है बल्कि विकलांग वह है जो मन से हारा है। 

कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय की  वरिष्ठ सलाहकार डॉ स्मिता राजन और साधना सिंह बिसेन  ने किया। आभार प्रदर्शित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एल  एस सोलंकी ने कहा की दिव्यांग जनों की सफलता की कहानियों से हमारे कर्मचारियों को भी प्रेरणा लेनी चाहिए और उन्हें भी अपने भविष्य की उन्नति के लिए मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय की मुक्त और दूरस्थ शिक्षा का फायदा लेते हुए अपने अध्ययन को और कौशल विकास को आगे बढ़ाना चाहिए।

मध्यप्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो संजय तिवारी जी द्वारा आज सेडमैप भोपाल की ईडी सुश्री अनुराधा सिंघाई से भेंट की, विवि और सेडमैप के मध्य उधमिता और एकेडेमिक सहभगिता किये जाने विचार किया गया। दोनों संस्था के मध्य अनुबंध करने पर भी सहमति व्यक्त की। कुलपति जी मे सेडमैप की फ़ूड प्रोसेसिंग लेब का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव नितिन सांगले एवं विश्वविद्यालय के निर्देशक सीका डॉ अनीता कौशल भी उपस्थित थी।


बारह-सी में निहित है लोकतंत्र के मूल मंत्र: श्री कोचर

मप्र भोज मुक्त विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के पूर्व अवसर पर व्याख्यान संपन्न

भोपाल। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी श्री सुधीर कोचर ने आज मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में संविधान दिवस के पूर्व अवसर पर आयोजित व्याख्यान में कहा कि भारत लोकतंत्र की जन्मभूमि और कर्मभूमि है। यहां वैदिक काल से लोकतंत्र क्रियान्वित है। बारह-सी - चॉइस, चांस, चार्टर, चेक, चैट, चेयर, चैलेंज, चार्ज, चैनल, चीफ और चैंपियन में लोकतंत्र के मूल मंत्र निहित है। इन सब को मिलाकर हमारे देश का नेशनल कैरेक्टर यानि 13 वां सी बनता है। भारत ने लोकतंत्र को जीवित रखा है। यह विश्व में एकमात्र स्थान है जहाँ लोकतंत्र है और गणतंत्र भी है। श्री कोचर ने 'भारत: लोकतंत्र की जननी' विषय पर सारगर्भित व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय तिवारी ने कहा कि भारत का संविधान अनूठा है। यह  कर्तव्य और दायित्व से समृद्ध है । संविधान के उपयोग करने वालों पर निर्भर करता है कि संविधान कैसा है। स्वतंत्रता, समानता, न्याय और बंधुत्व हमारे संविधान का मूल है। कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ रतन  सूर्यवंशी ने किया।  आभार व्यक्त करते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ एल  एस सोलंकी ने कहा कि हमें संविधान निर्माताओं को सदैव याद रखना चाहिए।


अपनत्व का भाव रखें कर्मचारी तो विश्वविद्यालय में समस्याएं नहीं रहेंगी- प्रो जैन

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नेक कार्यशाला का शुभारम्भ

भोपाल, 22  नवम्बर। मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में दो दिवसीय नेक कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर बोलते हुए बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल के कुलपति और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो सुरेश कुमार जैन ने कहा कि यदि विश्वविद्यालय के कर्मचारी और शिक्षकगण विश्वविद्यालय से अपनत्व का भाव रखें तो विश्वविद्यालय में किसी प्रकार की समस्याएं नहीं रहेंगी। कर्मचारियों को विश्वविद्यालय के कार्य से ऐसा लगाव होना चाहिए जैसा अपने घरों से होता है। ऐसा कोई कर्मचारी नहीं है जो बिना काम किए वेतन लेना चाहता हो  लेकिन कुछ समस्याएं और आसपास का वातावरण कर्मचारियों को दिग्भ्रमित करता है।

प्रो जैन आज विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित नेक कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। सत्र के विशिष्ट अतिथि मध्य प्रदेश प्रवेश एवं शुक्ल नियामक समिति के अध्यक्ष प्रो रविंद्र कान्हेरे ने कहा कि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली में विशिष्ट रूप से सुधार करना होगा। उन्होंने प्रवेश प्रक्रिया, स्टडी मटेरियल का भेजना, प्रिंट मटेरियल तैयार करना, ई-कंटेंट, कांटेक्ट क्लासेस को ठीक ढंग से संचालित करना, भुगतान प्रक्रिया का पारदर्शी और सुचारू होना, तथा ऑडियो-वीडियो कैटलॉग बनाने जैसे कार्य के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम अपनाना होगा। इससे कार्यों में तेजी और पारदर्शिता आएगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ भरत शरण सिंह ने कहा कि वर्तमान में मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात बढ़ रहा है। सही डाटा अपलोड होने से हमारे जीइआर में बढ़ोतरी होगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में केंद्र सरकार से अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त होगी ।

स्वागत भाषण देते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो संजय तिवारी ने कहा कि मध्यप्रदेश नई शिक्षा लागू करने वाला देश का अग्रणी राज्य है। कोरोना काल में प्रदेश ने कोरोना से लड़ाई  के साथ-साथ अन्य गतिविधियां जैसे आत्मनिर्भर भारत और नई शिक्षा नीति को लागू करने पर विशेष ध्यान दे रहा था। दूरस्थ एवं मुक्त शिक्षा पद्धति तथा नियमित विश्वविद्यालयों की डिग्री एक समान है। भोज विश्वविद्यालय राज्य सरकार से अनुरोध करेगा कि महिला दूरस्थ शिक्षा योजना चालू की जाए जिसमें महिलाओं को मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय से अध्ययन करने पर उनकी फीस रिम्बर्स की व्यवस्था की जाए।

विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यशाला में नेक  बेंगलुरु की सहायक सलाहकार डॉ. रुचि त्रिपाठी और डॉ  एवी प्रसाद ने नेक  के उद्देश्यों और वर्तमान में किए जा रहे कार्यों की जानकारी साझा की। डॉ प्रसाद ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता निवेश की तरह है। प्रत्यायन के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा मिलता है। डॉ त्रिपाठी ने तकनीकी सत्र में नेक पैरामीटर्स की जानकारी प्रदान की। कुलसचिव डॉ एलएस सोलंकी ने आभार व्यक्त किया।  सत्र का संचालन आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन केंद्र की  निदेशक डॉ. अनीता कौशल ने किया।

मध्य प्रदेश के  67 स्थापना दिवस अवसर पर आज  विश्विद्यालय में आयोजन किया गया



माननीय कुलपति जी द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की  प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की उनकी याद में 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में विश्वविद्यालय के  सभी अधिकारी कर्मचारी को राष्ट्रीय एकता व अखंडता को बनाए रखने की शपथ दिलायी गयी 


उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा आयोजित  "युवा संवाद कार्यक्रम " में विश्विद्यालय की प्रदर्शनी  आयोजन किया गया l  

भोपाल दिनाँक 06.04.2022

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन केंद्र द्वारा "जलवायु परिवर्तन के संकट- वैश्विक परिपेक्ष"    विषय पर विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया l  

भोपाल दिनाँक 04.04.2022

मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल एवं पर्यावरण गतिविधि के संयुक्त तत्वाधान में विश्व जल दिवस के अवसर पर "जल आज और कल " विषय पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया l  

भोपाल दिनाँक 23.03.2022


मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय में 8 मार्च से जारी नैक  से गुणवत्ता मूल्यांकन और संस्थाओं की तैयारी विषय पर चल रही पांच दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का समापन l  

भोपाल दिनाँक 12.03.2022

मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी आधुनिक समाज एवं महिला कानून विषय पर आयोजन किया गया l  

भोपाल दिनाँक 14.03.2022

गणतंत्र दिवस पर विश्विद्यालय के माननीय कुलपतिजी डॉ जयंत सोनवलकर जी द्वारा ध्वजारोहण एवं राजाभोज की प्रतिमा पर माल्यार्पण

 

भोपाल दिनाँक 26.01.2022

 म0प्र0 भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल एवं उच्च शिक्षा उत्कृष्टता संस्थान (आई.ई.एच.ई) भोपाल के मध्य एम ओ यू 

भोपाल दिनाँक 21.01.2022

 मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के सहयोग से जनजातीय शोध पीठ का शुभारंभ किया गया

भोपाल 13 नवंबर 2021

 दिनांक 1 अक्टूबर 2021 को मिंटो हॉल में सुबह 11:30 बजे  स्थापना समारोह का आयोजन किया गया ।

इस स्थापना समारोह में अध्यक्षता मध्यप्रदेश के कुलाधिपति एवं राज्यपाल महोदय माननीय श्री मंगूभाई पटेल द्वारा की गई। माननीय मंत्री उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश शासन डॉ मोहन यादव जी की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ।विशिष्ट अतिथि के रूप में  राष्ट्रीय शिक्षा मंडल के संगठन मंत्री श्री मुकुल कानिटकर जी ने उदबोधन दिया

भोज विश्वविद्यालय एवं शासकीय महाविद्यालय के मध्य अनुबंध कार्यक्रम दिनाँक 16/02/2021 

माननीय मंत्री जी उच्च शिक्षा की उपस्थिति में संपन्न 

माननीय प्रधानमंत्री जी के जन्मदिन के अवसर पर भोज विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम -17/09/2020


स्वतंत्रता दिवस -15/08/2020 पर माननीय कुलपति डॉ जयंत सोनवलकर द्वारा ध्वजारोहण की झलकियाँ 

एवं राजा भोज की प्रतिमा को माल्यार्पण 

माननीय  कुलपतीजी द्वारा दिनाक 14/12/22  को  पूर्व छात्र संगठन( Alumni's) की बैठक आयोजित  करी गयी