[ तीन चौथाई दृश्य, सिर, गर्दन, जैकेट, बो टाई ]
एक लोमड़ी ने सूर्योदय के समय अपनी परछाई को देखा और कहा, "मैं आज दोपहर के भोजन के लिए एक ऊँट खाऊंगा। ।" और वह सारी भोर ऊँटों की खोज में घूमा। परन्तु दोपहर के समय उसे फिर अपनी परछाई दिखाई दी और उसने कहा, "एक चूहा ही ठीक रहेगा ।"
[ द मैडमैन, हिज़ पैरेबल्स एंड पोयम्स से। खलील जिब्रान, 1918 ]