भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार दुनिया के ज्यादातर देशों की बहुत ही गंभीर समस्या है और हमारा भारत देश भी भ्रष्टाचार नामक बीमारी से कई वर्षों से पीड़ित है. आये दिन कहीं न कहीं से भ्रष्टाचार की घटना सुनने को मिल ही जाती है.

भ्रष्टाचार किसी भी देश के विकास में बहुत बड़ी बाधा है और यह देश की अर्थव्यवस्था को अंदर से खोखला करता जा रहा है. अक्सर चुनावो के दौरान कई राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के मुँह से देश से भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के बड़े-बड़े वादे सुनने को मिलते है.

लेकिन चुनाव जीतने के बाद इसके ऊपर कोई बात चीत नहीं होती और कई बार तो ऐसे वादे करने वाले पार्टियों के नेता खुद भी भ्रष्टाचार में शामिल होते है.

इस गंभीर समस्या के ऊपर विचार करना बहुत ही आवश्यक है और ऐसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि भ्रष्टाचार करने वाले लोगों के अंदर डर पैदा हो.

इस लेख में हमने भ्रष्टाचार पर निबंध तैयार किया है इस विषय पर अक्सर हर कक्षा के विद्यार्थियों को निबंध लिखने को कहा जाता है. भ्रष्टाचार के बारे में आपको बुनियादी जानकारी देने का प्रयत्न किया गया है.

Essay on Corruption in Hindi

भ्रष्टाचार पर निबंध (Essay on Corruption in Hindi)

भ्रष्टाचार एक ऐसा शब्द है जो हमारे देश में नेताओं और सरकारी अधिकारियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि हम ज्यादातर इन्ही लोगों के द्वारा किये गए भ्रष्टाचार के बारे में सुनते है.

लेकिन यह कहना भी गलत नहीं होगा कि देश का आम नागरिक भी किसी न किसी प्रकार से भ्रष्टाचार में शामिल होता है. यह भ्रष्टाचार छोटे स्तर का हो सकता है जैसे जब हम वाहन चलाते समय कानून का उल्लंघन करते हुए पुलिस के द्वारा पकड़ लिए जाते है.

तब हम उन्हें रिश्वत देकर उस परिस्थिति से निकलने का प्रयास करते है. हम यह सोचते है कि यह बहुत छोटी बात है लेकिन अपराध चाहे छोटा हो या बड़ा अपराध तो अपराध ही होता है.

केवल यही उदाहरण नहीं है बल्कि ऐसे कई उदाहरण हमारे सामने है जब आम जनता भी भ्रष्टाचार के अपराध में शामिल पायी जाती है.

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के द्वारा हर वर्ष ‘भ्रष्टाचार बोध सूचकांक’ जारी किये जाते है और 2020 में जारी हुई सूची के अनुसार दुनिया के 180 देशों की सूची में डेनमार्क सबसे कम भ्रष्टाचार करने वाला देश है वही भारत 86वे स्थान पर रहा. यह बहुत ही चिंताजनक है.

पिछले कुछ वर्षों से भारत की रैंकिंग लगातार तेजी से गिरती जा रही है. इससे देश हर तरीके से प्रभावित हो रहा है ऐसे देशों का आर्थिक विकास बहुत धीमा होता है और लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रयाप्त खर्च नहीं होता है.

भ्रष्टाचार की परिभाषा

भ्रष्टाचार के कई प्रकार है और हर क्षेत्र में लोग अलग-अलग प्रकार के भ्रष्टाचार को अंजाम देते है. भ्रष्टाचार शब्द का अर्थ समझे तो यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है ‘भ्रष्ट+आचरण’. जिसका मतलब है असामाजिक, निम्न या गिरा हुआ आचरण.

सामान्यतः कोई भी व्यक्ति अपने निजी फायदे के लिए ही भ्रष्टाचार में शामिल पाया जाता है. कई लोग ऐसे होते है जो बहुत बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार या घोटाले करते है और इसके हमारे देश में बहुत सारे उदहारण मौजूद है.

जैसे कोयला घोटाला, 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला, कॉमन वेल्थ गेम्स घोटाला, सत्यम घोटाला, नीरव मोदी बैंक घोटाला, विजय माल्या घोटाला, हर्षद मेहता घोटाला और भी कई बड़े भ्रष्टाचार के उदाहरण है.

बड़े- बड़े नेता यहाँ भ्रष्टाचार कर विदेश बैंको में अपना पैसा जमा करते है जिससे कानून को उन तक पहुंचने में बहुत ही कठिनाई होती है. छोटे स्तर पर भी कई सरकारी कर्मचारी जैसे तहसीलदार, कलेक्टर, पुलिस अधिकारी, पटवारी, बाबू , बैंक कर्मचारी और कई छोटे बड़े सरकारी आम जनता से रिश्वत लेते और भ्रष्टाचार करते है. रिश्वत लेने वाला और देने वाला दोनों ही भ्रष्टाचार के समान भागीदार होते है.

भ्रष्टाचार के कारण

भ्रष्टाचार करने वाला व्यक्ति किसी न किसी विशेष मानसिकता के साथ ही ऐसा करता है और आज के समय में किसी भी व्यक्ति के लिए धन सबसे बड़ी चीज़ है.

धन के लिए व्यक्ति किसी भी स्तर तक गिर सकता है. ऐसे ही भ्रष्टाचार के कुछ मुख्य कारणों का उल्लेख नीचे किया गया है –

ऐसा कहना बिलकुल भी गलत नहीं होगा कि ज्यादातर भ्रष्टाचार का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत तौर पर किसी भी व्यक्ति की धन की लालसा के कारण होता है.

वह कभी अपने धन और सम्पति से संतुष्ट नहीं होता और हमेशा और धन जमा करने का प्रयास करता है. सरकारी कर्मचारी और नेता अपने वेतन से संतुष्ट नहीं होते और गैर कानूनी तरीकों से धन इकट्ठा करने का प्रयास करते है.

सरकारी दफ्तरों में आम जनता का काम या तो बहुत धीमी गति से होता है या फिर काम अटका दिया जाता है जब कोई व्यक्ति अपना काम कराने जाता है.

तब उससे रिश्वत की मांग की जाती है और परेशानी में बेचारा रिश्वत देने के लिए मजबूर हो जाता है. रिश्वत देना भी अपराध है और यह भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा कारण है.

किसी भी क्षेत्र में जो भी पार्टी सत्ता में होती है उसके नेताओं के पास हर प्रकार की प्रशासनिक शक्ति होती है जिसके कारण उस नेता को किसी भी प्रकार का डर नहीं होता है.

इसी का फायदा उठा कर वो नेता बड़े बड़े घोटाले या भ्रष्टाचार को बिना किसी भय के अंजाम देते है.

भ्रष्टाचार निवारण के उपाय

भ्रष्टाचार जैसी बीमारी को जड़ से समाप्त करना किसी भी देश के लिए बहुत बड़ी चुनौती है. इसको ख़त्म करने के लिए सरकार ने अलग-अलग कानून तो बनाए है लेकिन उन पर जमीनी स्तर पर बहुत ही कम कार्य हो रहा है.

भ्रष्टाचार को कम या ख़त्म करने के लिए बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता है. सभी सरकारी दफ्तरों में पूर्ण रूप से पारदर्शिता होनी जरूरी है. जितनी भी भ्रष्टाचार निवारण संस्था बनाई गई है उनके पास प्रयाप्त शक्ति, संसाधन और स्वतंत्रता होनी चाहिए.

हर नागरिक को अपने अधिकारों से परिचित होना भी आवश्यक है उनको ये पता होना चाहिए की सरकारी दफ्तरों को हमारा काम समय पर करना उनकी जिम्मेदारी है. इसके लिए हमें डरने या रिश्वत देने की जरुरत नहीं है.

प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों की जानकारी देने की आवश्यकता है. कई भ्रष्ट लोगों को सजा देने और उन पर कार्रवाई करने में बहुत वक्त लग जाता है. सरकार को ऐसा कानून बनाने की आवश्यकता है जो भ्रष्ट लोगों के खिलाफ तेजी से कार्रवाई करें.

भ्रष्टाचार करने वाले लोग कानून या प्रशासन से बिलकुल नहीं डरते है उनके मन में कानून के प्रति ऐसी मानसिकता को बदलने की आवश्यकता है. ऐसे लोगों को सजा देकर भ्रष्ट लोगो में क़ानून का भय पैदा करना बहुत जरुरी है.

हमारे देश में कई ऐसे घोटाले या भ्रष्टाचार हुए जिनको अंजाम देकर अपराधी विदेशों में भाग जाते है. ऐसे मामलों के लिए भी विशेष कानून बनाने की जरूरत है.

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निष्कर्ष

भ्रष्टाचार किसी भी देश के लिए एक दीमक की तरह है जो धीरे- धीरे पूरे देश को खोखला करता जा रहा है ऐसे में इसको कम करने के लिए सही रणनीति होना आवश्यक है. हर नागरिक को यह अहसास होना जरूरी है कि देश के विकास में योगदान देना सबकी जिम्मेदारी है और इसके लिए हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ डट कर खड़ा रहना है.

सरकार कितने भी कानून बना ले लेकिन जब तक हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी का अहसास नहीं होगा तब तक भ्रष्टाचार को ख़त्म नहीं किया जा सकता. सबको एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की आवश्यकता है.

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