भारतीय एवं पाश्चात्य ज्योतिष में **१२ राशियों** का विशेष महत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आकाशीय गोले को ३६० डिग्री का माना गया है और इसे बराबर के **१२ भागों में विभाजित** किया गया है। प्रत्येक भाग को ३० डिग्री का क्षेत्रफल मिलता है और यही भाग एक–एक राशि कहलाता है।
### क्यों केवल १२ राशियाँ होती हैं?
ज्योतिषीय गणना में सूर्य की वार्षिक परिक्रमा के दौरान वह १२ प्रमुख खंडों से होकर गुजरता है। ये खंड ही मेष से मीन तक की राशियाँ बनाते हैं। प्रत्येक राशि का संबंध किसी ग्रह, नक्षत्र और तत्व (आग, जल, वायु, पृथ्वी) से जुड़ा होता है।
### १२ राशियों के नाम
* मेष (Aries)
* वृषभ (Taurus)
* मिथुन (Gemini)
* कर्क (Cancer)
* सिंह (Leo)
* कन्या (Virgo)
* तुला (Libra)
* वृश्चिक (Scorpio)
* धनु (Sagittarius)
* मकर (Capricorn)
* कुम्भ (Aquarius)
* मीन (Pisces)
### ज्योतिषीय महत्व
राशियाँ केवल आकाशीय विभाजन नहीं हैं, बल्कि प्रत्येक राशि व्यक्ति के **स्वभाव, विचार, कर्म और जीवन दिशा** को प्रभावित करने वाली मानी जाती है। वैदिक ज्योतिष, राशिफल निर्माण और विवाह मिलान जैसे विषयों में इनका विशेष प्रयोग किया जाता है।
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