भारत में लोन या क्रेडिट कार्ड लेते समय “700+ CIBIL स्कोर” को एक जादुई लाइन माना जाता है। इस सीमा के ऊपर पहुँचते ही ब्याज दरें कम हो जाती हैं, दस्तावेज़ी पूछताछ घट जाती है और लोन अप्रूवल का सफ़र कहीं आसान हो जाता है। लेकिन स्कोर बनाकर रखना नए साल के रिज़ॉल्यूशन जैसा है—बनाना उतना मुश्किल नहीं जितना उसे कायम रखना है। आइए समझते हैं उन सात ठोस कदमों को, जिन पर अमल करके आप अपना स्कोर 700 के ऊपर टिकाए रख सकते हैं।
CIBIL का एल्गोरिद्म आपके क्रेडिट की उम्र को महत्व देता है। अगर आपकी फ़ाइल छोटी है—मसलन सिर्फ एक ही कार्ड और वह भी नया—तो स्कोर अस्थिर रहता है। दो‑तीन खाते (एक क्रेडिट कार्ड + एक इंस्टॉलमेंट लोन) और 18 माह से पुरानी ट्रैक‑रिकॉर्ड से “Credit History Length” का पैरामीटर हरा चिन्ह पाता है।
क्या करें?
पुराना क्रेडिट कार्ड बंद न करें, भले ही कम इस्तेमाल हो।
अगर अभी‑अभी लोन चुकाया है, तुरंत सभी अकाउंट बंद न करवाएँ; कुछ समय एक्टिव रहने दें।
Payment History स्कोर का सबसे बड़ा घटक (35 %) है। एक भी लेट EMI 50–100 अंक गिरा सकती है और 3 साल तक रिपोर्ट में दिखती है।
बेहतर आदतें
ऑटो‑डेबिट लगाएँ: बैंक छुट्टी हो या ट्रेवल, EMI समय पर कटी रहे।
बफ़र बैलेंस रखें: सेलरी वाले दिन ही EMI बैक‑अप अकाउंट में ट्रांसफ़र कर दें।
“Minimum Due” के जाल से बचें: कार्ड पर न्यूनतम भुगतान करने से स्कोर नहीं बचता, ब्याज बढ़ता है।
Credit Utilisation Ratio, स्कोर में लगभग 30 % वज़न रखता है। यदि आपकी लिमिट ₹1 लाख है और आप हर माह ₹80 हज़ार खर्च कर देते हैं, तो बैंक को लगेगा कि आप क्रेडिट पर निर्भर हैं।
ऐसे रखें नियंत्रण
खर्च का 30 % नियम: ₹1 लाख लिमिट पर आदर्श खर्च ₹30 हज़ार।
बिल बनने से पहले आंशिक भुगतान कर के स्टेटमेंट बैलेंस घटाएँ।
Limit Enhancement माँगें, बशर्ते आय और रिपेमेंट इतिहास मज़बूत हो।
सिर्फ पर्सनल लोन या सिर्फ कार्ड—दोनों ही चरम हैं। बेहतर स्कोर के लिए “क्रेडिट मिक्स” संतुलित होना चाहिए। कार्ड (Revolving) तात्कालिक खर्च दिखाता है, जबकि होम या ऑटो लोन (Installment) दीर्घ‑कालिक स्थिरता दर्शाते हैं।
स्टेप‑बाय‑स्टेप
अगर केवल कार्ड हैं, तो एक छोटा‑सा सुरक्षित लोन लें (FD‑backed या गोल्ड लोन)।
यदि केवल होम लोन है, एक कम‑लिमिट कार्ड ले कर मासिक बिल समय पर चुकाएँ।
हर बार जब आप नया लोन/कार्ड अप्लाई करते हैं, बैंक CIBIL डेटा Hard Inquiry के रूप में पुल करता है। छह महीने में तीन से ज़्यादा inquiries स्कोर को 20–30 अंक गिरा देती हैं।
बचत‑सूत्र
Comparison वेबसाइट पर “Check Eligibility” बार‑बार क्लिक न करें; वह भी Hard Inquiry बन सकता है।
एक ही लोन के लिए कई बैंकों में एकसाथ अप्लाई न करें।
रिजेक्शन के बाद जल्दबाज़ी में दोबारा अप्लाई न करें; पहले कारण समझें, फिर सुधारें।
यदि स्कोर बॉर्डर‑लाइन पर है या क्रेडिट हिस्ट्री हल्की है, तो Secured Credit Card (FD के बदले) या छोटा Micro Loan स्कोर को तेज़ी से बढ़ाता है। इनका उपयोग 6–9 महीने सही तरीके से करें, फिर कार्ड अपग्रेड या लोन टॉप‑अप आसानी से मिल सकता है।
जागरूक रहना ज़रूरी
लिमिट कम है, पर रिपोर्ट में “Active” और “On‑time” दिखना स्कोर को ‘प्लस’ पॉइंट देता है।
FD टूटने तक कार्ड बंद न करें, वरना हिस्ट्री छोटी रह जाएगी।
घटिया स्कोर का सबसे चुपचाप दुश्मन है गलत या फर्जी एंट्री। बैंक ने लोन क्लोज़ कर दिया, पर रिपोर्ट में “Active” दिख रहा है; या किसी और की इन्फ़ॉर्मेशन आपके PAN पर जुड़ गई।
एक्शन प्लान
साल में कम‑से‑कम एक बार चारों CIBIL एजेंसीज से इस < लिंक > द्वारा फ्री CIBIL रिपोर्ट डाउनलोड करें।
नाम, PAN, जन्म‑तिथि, EMI स्टेटस, DPD और inquiries गौर से जाँचें।
ग़लती मिले तो 5 मिनट में Dispute Raise करें—ऑनलाइन प्रक्रिया निःशुल्क है।
अगर आपको रिपोर्ट पढ़ने, डिफॉल्ट निपटाने या सही लोन चुनने में पेशेवर मदद चाहिए, तो हमारा CIBIL Care Desk हमेशा तैयार है।
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