इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय, का अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी, दक्षिण एशियाई भाषा कार्यक्रम और कोलंबिया यूनिवर्सिटी, हिंदी-उर्दू भाषा कार्यक्रम के सहयोग से, इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय, दिल्ली, भारत में 9-11 जनवरी, 2020 को अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन के आयोजन की सहर्ष घोषणा करता है। इस सम्मेलन को भारतीय सांस्कृतिक सम्बंध परिषद (ICCR) का समर्थन प्राप्त है। हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन ने वैश्विक संदर्भ में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। दुनिया भर में कई विश्वविद्यालय हिंदी भाषा की शिक्षण-प्रशिक्षण प्रक्रियाओं व प्रविधियों पर महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। विश्व भर के मीडिया मंचों के माध्यम से भाषा और साथ ही इसके सांस्कृतिक रूपों में परिवर्तन से अंतरराष्ट्रीय पाठक (जिसमें प्रवासी भी शामिल हैं) भी परिचित हुए हैं। इससे उन परिवर्तनों पर ठहरना, उनकी समीक्षा करना और चिंतन करना अनिवार्य हो गया है जिनका सामना आज हिंदी जगत कर रहा है।
इस सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक दृष्टि को हिंदी अध्ययन और उसके साहित्य पर केंंद्रित करना है जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसे देखने, पढ़ने और समझने के तरीके को बदला जा सके। इसके साथ ही विश्व साहित्य और हिंदी साहित्य के बीच के अंतराल को पार करने में अनुवाद और अनुवाद अध्ययन की भूमिका को संबोधित करना भी है।
और अधिक जानकारी के लिए कृपया सम्मेलन की वेबसाइट देखें :https://sites.google.com/a/ip.du.ac.in/ihc-2/
महत्त्वपूर्ण तिथियाँ : सारांश भेजने की तिथि : 1 सितम्बर 2019 सारांश स्वीकृति की संभावित तिथि : 30 सितम्बर 2019 प्रतिभागिता, सारांश भेजने और पत्राचार के लिए : ihcipcollege@ip.du.ac.in
सम्मेलन अध्यक्ष :
डॉ. बाबली मोइत्रा सराफ
सम्मेलन संयोजक
डॉ. रेखा सेठी
+91-9810985759
डॉ. विनीता सिन्हा
+91-9873599989
हिंदी: वैश्विक परिप्रेक्ष्य भाषा, साहित्य और अनुवाद
हिंदी भाषा और साहित्य के अध्ययन ने वैश्विक संदर्भ में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। दुनिया भर में कई विश्वविद्यालय हिंदी भाषा की शिक्षण-प्रशिक्षण प्रक्रियाओं व प्रविधियों पर महत्त्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। वैश्वीकरण के बाद, दुनिया भर में हिंदी बोलने वालों की बड़ी संख्या के कारण, मीडिया और बाज़ार में भी हिंदी की लोकप्रियता बढ़ी है, जिससे राष्ट्रीय एवं अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता मिली है। आज जब एक ओर हम दुनिया की बड़ी आबादी द्वारा बोली जाने वाली इस भाषा की व्यापक स्वीकृति का जश्न मना रहे हैं, साहित्यिक और सांस्कृतिक अध्ययन की दुनिया में कुछ सवाल भी उठ रहे हैं। किसी देश की साहित्यिक परंपरा की खोज विचार और विवाद की अनेक अंतर्धाराओं से लैस है। विश्व साहित्य भले ही सांस्कृतिक बहुलता व सर्वदेशीय साहित्यिक उपस्थिति को प्रस्तावित करता है किन्तु उसकी यूरोप केन्द्रित विचार सरणियाँ अन्य भाषाओं व साहित्य में पदानुक्रम स्थापित करती हैं जिससे वे 'नए साहित्य' को उचित रूप में प्रतिष्ठित करने में विफल हो जाती हैं। मानवतावादी, धर्मनिरपेक्ष आदर्श की ओट में यह सभी विविधताओं को समरूपता के ढाँचे में ढालने की कोशिश है। इसी तरह, दक्षिण एशिया, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका आदि हिस्सों में रचित साहित्य की बारीक समझ के बजाय, वहाँ एक प्रकार का अकादमिक टोकनवाद दिखाई पड़ता है जो 'विश्व साहित्य' की श्रेणी में आवश्यक बदलावों की पेशकश नहीं कर पाया।
आलेख प्रस्तुति के लिए आमंत्रण सारांश हिंदी या अंग्रेज़ी भाषा में हो सकता है सारांश 350 शब्दों से अधिक न हो और उसमें निम्न का समावेश हो :
महत्त्वपूर्ण तिथियाँ : सारांश भेजने की अंतिम तिथि – 1 सितम्बर 2019 सारांश स्वीकृति की संभावित तिथि – 30 सितम्बर 2019 सारांश ihcipcollege@ip.du.ac.in पर भेजे जाऍं ईमेल की विषय पंक्ति इस रूप में लिखें <Abstract Submission -IHC - Name> विषय सम्मेलन के लिए निम्न विषय प्रस्तावित हैं। इनमें से किसी एक पर आलेख भेजा जा सकता है। इनके अतिरिक्त भी सम्मेलन के मूल विषय से संबद्ध किसी अन्य विषय पर आलेख प्रस्तुत किया जा सकेगा।
For Registration Click here The last date for the registration is 15th December 2019. पंजीकरण शुल्क : अंतर्राष्ट्रीयप्रतिभागी* : 100 अमेरिकी डॉलर पंजीकरण शुल्क में कॉन्फ्रेंस किट, कॉन्फ्रेंस के दौरान लंच, चाय/कॉफी/अल्पाहार आदि शामिल हैं। भारतीय प्रतिनिधि : 2500 रूपए शोधकर्ता : 1500 रूपए पंजीकरण शुल्क में कॉन्फ्रेंस किट, कॉन्फ्रेंस के दौरान लंच, चाय/कॉफी/अल्पाहार आदि शामिल हैं। सम्मेलन के दौरान आवास की व्यवस्था आपको स्वयं करनी होगी। यदि आपको कोई सहायता चाहिए तो कृपया रजिस्ट्रेशन समन्वयक से संपर्क करें। जो व्यक्ति प्रतिनिधि/डेलीगेट आदि के रूप में सम्मेलन में भाग ले रहे हैं किंतु लेख प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं, उन्हें भी पंजीकरण कराना होगा। उन्हें उपस्थिति का प्रमाण-पत्र प्रदान किया जाएगा। भारतीय प्रतिभागियों के लिए ऑन स्पॉट पंजीकरण की व्यवस्था भी उपलब्ध है। अपनी प्रतिभागिता के संबंध में उन्हें पहले से सूचित करना होगा। पंजीकरण के लिए कोई नकद स्वीकार नहीं किया जाएगा। The Fee should be paid through NEFT/RTGS/IMPS to the following Accounts: Name of the Account Holder: I.P. College for Women Account Number: 8458101005897 Bank Name: Canara Bank BRANCH: Indraprastha College for Women, 31 Sham Nath Marg, Civil Lines, New Delhi-110054 IFSC: CNRB0008458 MICR CODE: 110015038 SWIFT CODE: CNRBINBBDFM Transaction ID is required for submitting the Registration Form. After generating Transaction ID, you may proceed to fill the Registration Form.
डॉ. बाबली मोइत्रा सराफ, सम्मेलन अध्यक्ष और प्राचार्या, इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय डॉ. रेखा सेठी, डॉ. विनीता सिन्हा, शैक्षणिक संयोजक, अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र डॉ. रेखा उप्रेती, शिक्षक प्रभारी, हिंदी विभाग, इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय
सुश्री रजनी भार्गव, हिंदी व्याख्याता, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी प्रोफेसर गेब्रिएला निक इलिएवा, निदेशक, दक्षिण एशियाई भाषा कार्यक्रम, न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी प्रोफेसर राकेश रंजन, संयोजक, हिंदी-उर्दू भाषा कार्यक्रम, कोलंबिया यूनिवर्सिटी
इन्द्रप्रस्थ महिला महाविद्यालय (1924 में स्थापित) दिल्ली विश्वविद्यालय का सबसे पुराना महिला कॉलेज है। इस महाविद्यालय की स्थापना स्त्री-शिक्षा एवं स्त्री-सशक्तिकरण के राष्ट्रीय अभियान को रूप देने के लिए हुई। भव्य परिसर में अवस्थित यह एक विरासत स्थल है और दिल्ली के मानचित्र पर इसका ऐतिहासिक महत्त्व है। इसके विभिन्न स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में लगभग 3500 छात्राएँ हैं । मानविकी, गणित तथा वाणिज्य के क्षेत्र में कॉलेज ऐसे अनेक पाठ्यक्रम चलाता है जिनमें अंत:विषय अध्ययन को प्रोत्साहन दिया जाता है। महाविद्यालय में हिंदी, अंग्रेज़ी, संस्कृत के भाषा और सहित्य विभागों के साथ यहाँ मल्टी मीडिया और जनसंचार विभाग भी है
महाविद्यालय की छात्र सेवाओं में विविधता एकीकरण कार्यक्रम सम्मिलित है। शिक्षा और शिक्षण की अपनी दृष्टि को व्यापक बनाने के लिये महाविद्यालय द्वारा विविध शोध और शिक्षा संसाधन केंद्र स्थापित किये गये हैं। संग्रहालय और अभिलेखागार शिक्षा संसाधन केंद्र में महाविद्यालय की विरासत और समकालीन प्रदर्श हैं। पृथ्वी अध्ययन केंद्र में पारिस्थितिकि और पर्यावरण में शोध को प्रोत्साहन दिया जाता है। अंत:विषय अध्ययन केंद्र में महाविद्यालय के सभी विषयों का समावेश है। संगीत अभिलेखागार और श्रवण कक्ष हिंदुस्तानी संगीत का आनंद ऊठाने और उसे बढावा देने के लिये स्थापित किया गया है। संस्कृत अध्ययन और शोध केंद्र में संस्कृत और संस्कृत अध्ययन में विशेषीकृत ज्ञान और कौशल को प्रोत्साहित किया जाता है। अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र भाषाओं में स्वतंत्र शोध और कौशल विकास के लिये स्थापित किया गया है। अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र
वर्तमान सम्मेलन का आयोजन महाविद्यालय के अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र द्वारा किया जा रहा है। भाषाओं और सांस्कृतिक विविधता के प्रति छात्राओं में रुचि जागृत करने और उन्हें इसमें संलग्न करने की दृष्टि से 2015 में अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केन्द्र की स्थापना की गई। महाविद्यालय द्वारा अनुवाद और अनुवाद अध्ययन की उभरते हुए क्षेत्र के रूप में पहचान की गई है जिसके लिए शैक्षणिक संलग्नता और जिज्ञासु विद्वता की आवश्यकता है। इसमें विविध प्रकार के शैक्षणिक कार्यों और शोध के लिए भाषा कौशल को अभिनियोजित करने के साथ-साथ रोज़गार के अवसरों की संभावनाएँ हैं। इस केंद्र की गतिविधि का उद्देश्य शोध और स्वतंत्र शिक्षण को प्रेरित करना है। यह सभी विभागों के लिए है जिससे कि भिन्न-भिन्न विषयों की छात्राएँ इसमे भाग ले सकें। केंद्र द्वारा छात्राओं की अनुवाद पत्रिका ‘Code’ वार्षिक रूप से प्रकाशित की जाती है। इसके द्वारा पूरे वर्ष भाषा से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। केंद्र में विद्वानों और व्यावसायिकों को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया जाता है। ‘संपादन और प्रकाशन’ पर द्विभाषी पाठ्यक्रम का आयोजन भी इस केंद्र द्वारा किया गया। डॉ. बाबली मोइत्रा सराफ की बालगीतों पर आधारित पुस्तक ‘Hey Diddle Diddle : तुन-तुन तरा-तरा’ की चित्रात्मक प्रस्तुति में महाविद्यालय की छात्राओं ने महत्वपूर्ण योगदान दिया। केंद्र की अद्यतन परियोजना साहित्य अकादेमी के सहयोग से हिंदी की कहानियों का अंग्रेज़ी रूपांतरण हुआ जो शीघ्र प्रकाश्य है । अनुवाद और अनुवाद अध्ययन केंद्र में समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय विद्वानों गेब्रिएला निक इलिएवा (न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी), एडविन गेंट्ज़लर (यूनिवर्सिटी ऑफ मैसाचूसेट्स एमहर्स्ट, सं.रा.अ.), जूडी वाकाबायाशी (केंट स्टेट यूनिवर्सिटी सं.रा.अ.), सीरी नरगार्ड (यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरेंस, इटली), मिलेना ब्रतिओवा (सोफि़या यूनिवर्सिटी, बल्गारिया), तोमोको किकुचि, अजमल कमाल और हरीश त्रिवेदी, सुकृता पॉल कुमार, इन्द्र नाथ चौधुरी, गीता धर्मराजन, अशोक वाजपेयी, अजय नावरिया, गगन गिल, लीलाधर मंडलोई, रक्षंदा जलील तथा अशोक चक्रधर जैसे अन्य अन्तरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त भारतीय विद्वानों को आमंत्रित किया गया। इस केन्द्र की अध्यक्ष बाबली मोइत्रा सराफ हैं तथा रेखा सेठी और विनीता सिन्हा इसकी संयोजक हैं।
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